राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में बने सिलीकोसिस नीति उठी आवाज
विश्व मजदूर दिवस राजस्थान की तरह मध्य प्रदेश में बने सिलीकोसिस नीति उठी आवाज
डिजिटल डेस्क, पन्ना। विश्व मजदूर दिवस दिनांक ०१ मई आज पन्ना के समीप स्थित गांधीग्राम में सिलीकोसिस पीडित संघ तथा पृथ्वी ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम में मजदूरों के अधिकारों और सिलीकोसिस मजदूरों की स्थिति पर संवाद आयोजित किया गया तथा मांग उठाई गई कि जिस तरह से राजस्थान में सिलीकोसिस पीडितों के लिए नीति बनाई गई है वैसी ही नीति मध्य प्रदेश में लागू की जानी चाहिए। मजदूर दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में श्रम कार्यालय में पदस्थ सहायक श्रम अधिकारी संजय अहिरवार ने बताया कि मजदूरों के हितों के लिए शासन द्वारा कल्याणकारी योजनायें बनाईं गईं हैं। संबल योजना के अंतर्गत बडी संख्या में श्रमिकों का पंजीयन कर उन्हें कव्हर किया गया है। पंजीकृत मजदूरों को वैधता की जानकारी अपडेट करा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में पृथ्वी ट्रस्ट की समीना यूसुफ ने कहा कि वह मजदूर जो सिलीकोसिस बीमारी से पीडित हैं उनकी स्थिति बहुत ही दयनीय है।
सिलीकोसिस की बीमारी सिलका डस्ट जो कि धूल है मजदूरों के अंदर जमा होने से होती है। इससे बचाव के लिए कार्यस्थलों पर आवश्यक प्रबंध किए जाने के प्रावधान हैं किंतु नियोजकों द्वारा मजदूरों को सुरक्षा नहीं दी जाती है। जिससे कि वह खतरनाक सिलीकोसिस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं और इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बीमारी का उचित उपचार नहीं होने की वजह से उनका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है। मजदूरी करने में भी असक्षम हो जाते हैं ऐसे में बीमारी के दौरान उन्हें उपलब्ध उपचार नि:शुल्क और बेहतर तरीके से उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। सिलीकोसिस पीडित मजदूरों को मजदूरों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को राहत राशि दी जाती है किंतु पीडित मजदूरों को उनके जीवन में कोई राहत राशि नहीं मिलती ऐसे में जरूरी है कि सिलीकोसिस पीडित मजदूरों को उनके जीवन में एक बडी राहत राशि दी जाये। साथ ही साथ उनके लिए आवश्यक व्यवस्थायें बनाई जायें ऐसी नीति बनानी होगी। सिलीकोसिस नीति बनाने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन भी कार्यक्रम के दौरान सौंपा गया।
आयोजित कार्यक्रम का संचालन रामविशाल गौड द्वारा किया गया। आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी संस्था समर्थन के क्षेत्रीय समन्वयक ज्ञानेन्द्र तिवारी द्वारा मनरेगा में मजदूरी से पलायन रोकने और मजदूरों को काम मिलने की बात कही गई। इस दौरान उनके द्वारा समाजसेवी स्वर्गीय यूसुफ बेग को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए जो लडाई लडी हम सभी को मिलकर आगे जारी रखते हुए संघर्ष करना होगा। कार्यक्रम में रविकांत पाठक ने खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की जानकारी दी गई। समाजसेवी जयराम यादव ने मजदूरों के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कदम उठाने की बात कही तथा कहा कि ज्यादातर मजदूरों के बच्चे पलायन जैसे कारणों की वजह से शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। कार्यक्रम में समाजसेवी संतोष सिंह, महिपाल सिंह, प्रदीप पिडहा, शेख अंजाम, अंकित यादव, राजकुमार, आकाश, दीपेन्द्र गौड, अरविन्द, रामपाल द्वारा अपने संबोधन में मजदूरों के सन्दर्भ में चर्चा की गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पृथ्वी ट्रस्ट से छत्रसाल पटेल, कमलाकान्त पाठक, बबली अहिरवार, विजय शुक्ला, वैशाली, कामना, इंद्र सिंह यादव, समीर खान, अरविन्द गौड, दयाराम गौड एवं सैकडों की संख्या में सिलिकोसिस पीडित एवं मजदूर साथी शामिल रहे।
मजदूर दिवस पर सिलीकोसिस पीडितों के लिए रखीं गईं यह मांगे
सिलीकोसिस पीडितों को जिला अस्पताल में नि:शुल्क जांच, सिटी स्कैन की सुविधा दी जाये, सिलीकोसिस से मृत उनके परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाये। प्रदेश में सिलीकोसिस नीति लागू की जाये, पत्थर और हीरा की खदानों मे मजदूरों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं होती जिसकी उचित व्यवस्था की जाये। सिलिकोसिस से पीडित व्यक्ति को चिन्हित कर जीवित अवस्था मे मुआवजा दिया जाए एवं पेंशन लागू की जाये। सिलिकोसिस से पीडित व्यक्तियों का सर्वे कराकर स्वास्थ्य कार्ड बनाये जाए। पत्थर एवं हीरा की खदानों मे नियमित रूप से पानी का छिडकाव की व्यवस्था का आदेश माईनिंग विभाग द्वारा लीज धारकों को दिया जाए साथ ही लीज स्वीकृति के समय शर्त में शामिल किया जाये।