आश्रमशाला एवं छात्रावास के विद्यार्थियों की होगी सिकलसेल जांच
अभियान आश्रमशाला एवं छात्रावास के विद्यार्थियों की होगी सिकलसेल जांच
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के अंतर्गत सिकलसेल बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम गोंदिया जिले में सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प देवरी के अंतर्गत जिले में कुल 11 शासकीय आश्रम शाला, 23 अनुदानित आश्रम शाला एवं 19 शासकीय अादिवासी छात्रावास में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की सिकलसेल जांच कराए जाने संबंधी पत्र जिला स्वास्थ्य विभाग को मिला था। जिसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिकलसेल जांच शिविरों का नियोजन किए जाने की जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितीन वानखेड़े ने दी है। 24 नवंबर से 30 दिसंबर तक की अवधि में जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसकी जानकारी संबंधित विभाग को भी दे दी गई है।
जिले की आठों तहसील में शासकीय आश्रम शालाओं, अनुदानित आश्रम शालाओं एवं शासकीय छात्रावास वाले उपकेंद्रों के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, आशा सेविका, स्वास्थ्य कर्मचारी एवं सिकलसेल टेक्निशियन के माध्यम से सोल्युबिलिटी जांच करने की जानकारी सिकलसेल समन्वयक सपना खंडाईत ने दी है। जिले में कुल 10 हजार 500 विद्यार्थियों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। सिकलसेल सोल्युबिलिटी जांच के बाद पॉजिटिव मरीज के खून के नमूने इलेक्ट्रोफोरेसिस जांच अथवा एचपीएलसी जांच के माध्यम से उचित निदान किया जाएगा एवं लक्षणों के अनुसार उपचार शुरू होगा। सिकलसेल यह अनुवांशिक होता है। माता-पिता से बच्चों में यह बीमारी आती है। सिकलसेल वाहक (कैरियर) एवं सिकलसेल पीड़ित (सफरर) वाहक व्यक्ति केवल बीमारी का वाहक होता है, जबकि इनमें बीमारी के कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन सिकलसेलग्रस्त व्यक्ति को काफी वेदना होती है। जिससे उसे बार-बार अस्पताल जाने के साथ ही रक्त की भी आवश्यकता होती है।
मरीजों को मिलती हैं यह शासकीय सुविधाएं
सिकलसेलग्रस्त विद्यार्थियों को 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा मंे प्रति घंटे पर 20 मिनिट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। संजय गांधी निराधार योजना के तहत प्रतिमाह 1 हजार रुपए का अनुदान, दिव्यांगों की सूची में समाविष्ट करने के कारण विविध योजनाओं का लाभ, मरीज को बस यात्रा में भी रियायत दी जाती है। मरीजों को ब्लड बैंकों में नि:शुल्क रक्त यूनिट उपलब्ध होता है। सिकलसेलग्रस्त मरीजों को दिव्यांग प्रमाणपत्र की सुविधा जिला सामान्य अस्पताल शासकीय मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है।