शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार -एशिया और विश्व की बड़ी सौर परियोजनाएँ हैं मध्यप्रदेश में - हरदीप सिंह डंग!
शिवराज सरकार-भरोसा बरकरार -एशिया और विश्व की बड़ी सौर परियोजनाएँ हैं मध्यप्रदेश में - हरदीप सिंह डंग!
डिजिटल डेस्क | अब सभी यह जानते हैं और मानते भी हैं कि परंपरागत विद्युत उत्पादन पर्यावरण के लिये नुकसानदायक होने के साथ जिन जीवाश्म ईंधन भण्डारों को बनने में लाखों साल लग जाते हैं, निरंतर दोहन से उनके भी समाप्त होने का खतरा उत्पन्न होता जा रहा है। ऐसे में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा बेहतर विकल्प के रूप में सामने आई है। मध्यप्रदेश देश का बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले डेढ़ दशक में तेज छलांग लगायी है।
प्रदेश में एशिया की सबसे बड़ी 750 मेगावाट और 4000 करोड़ लागत की रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से उत्पादन शुरू हो चुका है। वहीं विश्व की सबसे बड़ी 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग परियोजना का निर्माण प्रस्तावित है। इसके वर्ष 2023 तक पूरा होने की संभावना है। विश्व में अधिकांश विकास विद्युत पर आश्रित है। नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन 30 मेगावाट से बढ़कर 5 हजार 44 मेगावाट पहुँचा प्रदेश में विद्युत की खपत और आपूर्ति में नवकरणीय ऊर्जा की लगभग 24 प्रतिशत भागीदारी है।
वर्ष 2004 तक इन परियोजनाओं की क्षमता मात्र 30 मेगावाट थी, जो जनवरी 2021 की स्थिति में 5 हजार 44 मेगावाट पहुँच चुकी है। सौर ऊर्जा से 2381 मेगावाट, पवन ऊर्जा से 2444, बायोमास से 120 और लघु जल विद्युत ऊर्जा से 99 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। रीवा ने आज वाकई इतिहास रच दिया है। सफेद बाघ के नाम से जाने जाना वाला रीवा अब सोलर प्लांट के नाम से भी जाना जाएगा। यहाँ खेतों में लगे हजारों पैनल ऐसा अहसास दिलाते हैं, मानो खेतों में पैनल की फसल लहलहा रही हो या गहरे समंदर का नीला पानी हो।
इस अभूतपूर्व कार्य के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, क्षेत्र की जनता सहित पूरी टीम बधाई की पात्र है। - प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी (10 जुलाई 2020 रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना लोकार्पण के समय) एशिया की सबसे बड़ी परियोजना है रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना एशिया की सबसे बड़ी सौर परियोजना मध्यप्रदेश के रीवा जिले की गुढ़ तहसील के ग्राम बरसेता पहाड़, बदवार, रामनगर पहाड़, ईटार पहाड़ की असिचिंत भूमि पर स्थापित है। दुनिया की सबसे सुनियोजित तरीके से स्थापित परियोजना को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 जुलाई 2020 को राष्ट्र को समर्पित किया।
परियोजना से अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की कम्पनियों की सहभागिता से सबसे कम टैरिफ रिकार्ड रूपये 2.97 प्रति यूनिट (बिना अनुदान के) प्राप्त हुई है। उत्पादित बिजली का 76 प्रतिशत अंश प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कम्पनी और शेष 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को जा रहा है। सस्ती बिजली मिलने से दिल्ली मेट्रो को 793 करोड़ रूपये की बचत हो रही है। इसी तरह प्रदेश को भी 1600 करोड़ रूपये की बचत होगी। परियोजना की स्थापना से पहली बार ग्रीन एनर्जी फण्ड प्राप्त करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। परियोजना से प्रदेश की बिजली पर आत्म-निर्भरता बढ़ने के साथ मध्यप्रदेश का विश्व स्तर पर महत्व भी बढ़ा है।
प्रदेश में बन रहे हैं देश के बड़े सौर ऊर्जा पार्क प्रदेश में बड़े सौर ऊर्जा पार्क बनाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को पूरा करने में मध्यप्रदेश बड़ी भागीदारी निभाएगा। आगामी सौर परियोजनाओं के माध्यम से 10 हजार मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादित होगी। प्रदेश का सबसे बड़ा 1500 मेगावाट का सौर ऊर्जा पार्क शाजापुर, आगर और नीमच जिलों में 6 हजार करोड़ रूपये से स्थापित किया जाएगा।
सोलर पार्क से मार्च 2022 तक उत्पादन संभावित है। उत्पादित विद्युत को मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी को दिया जाएगा। इसका सीधा लाभ प्रदेश की प्रगति को मिलेगा। इसके अतिरिक्त छतरपुर जिले में 950 और मुरैना जिले में 1400 मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्क स्थापित होंगे। इस तरह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत नीमच, शाजापुर, आगर, मुरैना, छतरपुर और सागर जिलों में 18 हजार करोड़ रूपये से लगभग 4500 मेगावाट के सोलर पार्कों का विकास किया जाएगा।
विश्व की सबसे बड़ी सोलर फ्लोटिंग परियोजना ओंकारेश्वर में सोलर पार्क क्षमता मेगावाट स्थापना लक्ष्य आगर-शाजापुर-नीमच सोलर पार्क 1500 दिसम्बर,2022 ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पार्क 600 जुलाई, 2023 छतरपुर सोलर पार्क 950 जुलाई, 2023 मुरैना सोलर पार्क 1400 अक्टूबर, 2023 सोलर पम्प योजना संख्या स्थापना लक्ष्य सोलर पंप 45000 नग जुलाई, 2023 तीन हजार करोड़ रूपये से विश्व के सबसे बड़े 600 मेगावाट के ओंकारेश्वर सोलर फ्लोटिंग प्लांट जल्दी ही शुरू होगा।