प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना में गड़चिरोली राज्य में द्वितीय

हजारों महिलाओं ने लिया लाभ प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना में गड़चिरोली राज्य में द्वितीय

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-28 10:00 GMT
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना में गड़चिरोली राज्य में द्वितीय

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। माता व बाल मृत्यु और कुपोषण का प्रमाण करने के मुख्य उद्देश्य को लेकर 1 जनवरी 2017 से आरंभ की गई प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना के क्रियान्वयन में आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले ने समूचे महाराष्ट्र राज्य में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। सरकार के परीक्षण मंडल ने इस आशय का पत्र बुधवार को गड़चिरोली जिला स्वास्थ्य विभाग को भेजा है। मार्च 2022 के अंत तक स्वास्थ्य विभाग ने जिले की कुल 34 हजार 316 माताओं को इस योजना से लाभान्वित किया है।

संबंधित माताओं के बैंक खाते में सरकार ने 14 करोड़ 38 लाख 23 हजार रूपयों की निधि जमा की है। इस याेजना के चलते महिलाओं के बैंक खाते में वृद्धि तो हुई, अपितु नवजात बालकों के टीकाकरण में भी वृद्धि हुई। बता दें कि, सरकार ने शहरों और ग्रामीण इलाकों में अस्पताल शुरू किए हैं। लेकिन आज भी अधिकांश माताओं की प्रसूति घरों में ही कराई जाती है। ऐसी प्रसुति के दौरान माताओं की मृत्यु समेत बालकों की जान को भी खतरा बना रहता है। अस्पतालों में प्रसूति की संख्या को बढ़ाने और प्रसूति अवधि तक संबंधित माताओं को मजदूरी की नुकसान भरपाई दिलाने के लिए ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना आरंभ की है।

गरीबी रेखा के नीचे और गरीबी रेखा के ऊपर वाली सभी महिलाएं इस योजना का लाभ पाने की पात्र हैं। सरकारी सेवा कर रहीं माताएं इस योजना के लिए अपात्र रखी गई है। योजना के तहत लाभार्थी माता के राष्ट्रीयकृत बैंक खाते में तीन चरणों में कुल 5 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाती है। योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी माता और उसके पति का आधार कार्ड, आधार कार्ड से जुड़ा बैंक अकाउंट, सरकारी अस्पताल मं  गर्भधारणा के 150 दिन भीतर पंजीयन आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सेविका, गुट प्रवर्तक, स्वास्थ्य सेविका-सेवक लाभार्थियों को प्रेरित कर रहीं हैं। जिला स्तर पर जिला माता व बाल संगोपन अधिकारी डा. समीर बनसोडे, जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दावल सालवे लगातार प्रयास कर रहे हैं। योजना के आरंभ होने के बाद से मार्च 2022 तक जिले की 34 हजार 316 माताओं को योजना का लाभ प्रदान किया गया। इस योजना के चलते अस्पतालों में प्रसूति की संख्या भी अब बढ़ने लगी है। 

 

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