7 गांवों के भू-विस्थापितों ने एसईसीएल की मानिकपुर, खदान में कोयला परिवहन कराया बंद, धरने पर बैठे

रायपुर 7 गांवों के भू-विस्थापितों ने एसईसीएल की मानिकपुर, खदान में कोयला परिवहन कराया बंद, धरने पर बैठे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-31 06:38 GMT
7 गांवों के भू-विस्थापितों ने एसईसीएल की मानिकपुर, खदान में कोयला परिवहन कराया बंद, धरने पर बैठे

डिजिटल डेस्क, रायपुर। स्थानीय युवओं को रोजगार की मांग को लेकर कोरबा जिले के 7 गांवों के भू-विस्थापितों ने एसईसीएल की मानिकपुर खदान में शनिवार को कोयला परिवहन बंद करा दिया। भू-विस्थापितों ने एसईसीएल पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि भू-अधिग्रहण के समय एसईसीएल ने गांव के बेरोजगारों को नौकरी देने की बात कही थी, नहीं दी। मुआवजा और पुनर्वास आदि के मामलों का भी निराकरण नहीं किया गया। उल्टे प्रबंधन द्वारा करीब 20 किसानों के खेतों में बिना सूचना दिए मिट्टी फिलिंग का काम शुरू करवा दिया। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि एसईसीएल ने पुराने मामलों का अब तक निराकरण नहीं किया है, फिर नई जमीन को किस आधार पर ली जा रही है। इधर मानिकपुर खदान के उप महाप्रबंधक अजय तिवारी ने स्पष्ट किया कि जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा है, उसका निपटारा जब तक नहीं हो जाता, तब तक काम बंद किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा विवाद का निपटारा करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यूॅं आया आंदोलनकारियों को गुस्सा

अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से विरोध-प्रदर्शन कर रहे भू-विस्थापित एसईसीएल द्वारा खेतों में मिट्टी फिलिंग का काम शुरू करवाए जाने से नाराज हो गए। दादर खुर्द, भिलाई खुर्द, बरबसपुर, ढेलवाडीह सहित अन्य गांव के सैकड़ों लोग मानिकपुर खदान पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन करने लगे। शुक्रवार को भी ग्रामीणों ने साइडिंग में काम बंद करा दिया था। तब सूचना मिलने पर एसईसीएल मानिकपुर के उप महाप्रबंधक अजय तिवारी वहां पहुंचे थे, जहां भू-विस्थापितों के साथ उनकी वार्ता फेल हो गई थी। शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों ने खदान से कोयला परिवहन नहीं होने दिया। ट्रकों व डंपरों के पहिये थमे रहे।

बाहर से मजदूर ला कर करा रहे काम

कृषि कल्याण परिषद के सदस्य अमन पटेल ने कहा कि एसईसीएल ग्रामीणों के साथ हमेशा से छलावा करती आ रही है। वह दादर बस्ती के पास कोयला साइडिंग का निर्माण कर रही है, जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि, जिस कम्पनी को काम दिया गया है, वो बाहर से मजदूर लेकर आई है। स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, जबकि जमीन उनकी गई है।

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