प्राणों की आहुति देने वाले 377 पुलिस जवानों को दी सलामी
पुलिस स्मृति दिन प्राणों की आहुति देने वाले 377 पुलिस जवानों को दी सलामी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के पुलिस लाइन टाकल स्थित पुलिस मुख्यालय परिसर में पुलिस परेड मैदान पर बने स्मृति स्तंभ पर पुष्पचक्र अर्पित कर देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले 377 पुलिस जवानों को सलामी दी गई। 21 अक्टूबर काे पुलिस स्मृति दिन यानी हुतात्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हवा में बंदूक से फायरिंग व शोक शस्त्र कर दो मिनट का मौन रखा जाता है। इस अवसर पर शहर, ग्रामीण, लोहमार्ग और एसआरपीफ द्वारा संयुक्त रूप से शहीदों को नमन कर सलामी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पण कर शहीद जवानों की बहादुरी को याद किया। शहीद दिन के महत्व के बारे में बताया। इस मौके पर प्रमुख अतिथि विशेष पुलिस महानिरीक्षक रेंज छेरिंग दोरजे और सहपुलिस आयुक्त अस्वति दोरजे ने भी पुष्पचक्र अर्पण कर शहीदों को सलामी दी।
4 प्लाटून ने किया परेड संचलन
सहायक पुलिस आयुक्त रोशन पंडित व सचिन थोरबोले ने इस वर्ष देशसेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले 377 पुलिसकर्मियों के नामों का वाचन किया। आरपीआई विजयप्रताप सिंह परिहार के नेतृत्व में एसआरपीएफ, शहर पुलिस, ग्रामीण पुलिस और लोहमार्ग सहित 4 प्लाटून ने शहीद दिवस परेड संचलन किया। संचालन एसीपी विलास सोनवने ने किया।
चीनी सेना के हमले का दिया था मुंहतोड़ जवाब
हॉटस्प्रिंग की इस पहाड़ी पर सीआरपीएफ के बहादुर जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। 21 अक्टूबर को सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर करणसिंह की अगुवाई में धरमसिंह, पूरणसिंह, नार्बू लांबा, बेगराजमल, माखनलाल, इमानसिंह, तेशरिंग बोखू नार्बू, हंगजीत सुब्बा और शिवनाथ प्रताप गश्त पर निकले थे। इस दौरान चीनी सेना ने फायरिंग शुरु कर दी। चीनी सैनिकों की संख्या बहुत अधिक थी, फिर भी सभी पुलिसकर्मियों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला कर अपनालोहा मनवाया था। जब तक दूसरी टुकड़ी पहुंची चीनी सेना शहीद जवानों के शव लेकर भाग गई। भारत सहित पूरे विश्व ने इस घटना की निंदा की। 13 नवंबर को चीनी सेना ने क्षत-विक्षत हालत में सैनिकों के शव लौटाए। 14 नवंबर को हॉट स्प्रिंग में सभी को सलामी देकर अंतिम विदाई दी गई। इन्हीं वीर सपूतों की याद में 21 अक्टूबर का दिन पुलिस स्मृति दिन के रूप में मनाया जाता है।