राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज को साधकों व भक्तों ने मौन श्रद्धांजलि
अमरावती राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज को साधकों व भक्तों ने मौन श्रद्धांजलि
डिजिटल डेस्क, तिवसा(अमरावती)। विश्व को मानवता का संदेश देने वाले युगपुरूष क्रांतिदर्शी स्वातंत्रता सेनानी राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज को गुरुदेव भक्तों व साधकों की उपस्थिति में मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम कोरोना के नियमों का पालन करते हुए लिया गया। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज का महानिर्वाण अश्विन वद्यपंचमी को अंगरेजी पंचांग अनुसार शुक्रवार 11 अक्टूबर 1968 को दोपहर 4.58 बजे हुआ था। तब से गुरुदेव भक्त श्री क्षेत्र गुरुकंुज आश्रम में गुरुमाऊली को श्रद्धांजलि अर्पित करते है।
विगत 52 वर्षों से श्रद्धांजलि का कार्यक्रम हो रहा है। मौन श्रद्धांजलि का मुख्य कार्यक्रम सोमवार को 3.30 बजे गुरुदेव हमारा प्यारा, है जीवन का उजियारा इस प्रार्थना गीत से शुरू हुआ। राष्ट्रसंत के जीवन कार्य का स्मरण करने और इससे प्रेरणा लेने व कुछ संकल्प करने का यह समय होता है। इसीलिए इस समय राष्ट्रसंत के विश्व व्यापक कार्यों की जानकारी शब्द और सुरों के माध्यम से ऑनलाइन दी गई। इसके बाद 4.58 बजे गुरूदेवभक्तों व साधकों ने महासमाधी स्थल की दिशा से दोनों हाथ जोड़कर गुरुमाऊली को श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद भजन प्रस्तुत किए गए व सामूहिक आरती की गई। इस समय देश के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि कार्यक्रम का नियोजन अध्यात्म विभाग के प्रमुख डा. राजाराम बोथे ने किया। इस समय पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, विधायक बंटी भांगडिया, गुरुदेव सेवा मंडल के संचालक मंडल के उपाध्यक्ष पुष्पा बोंडे, सर्वाधिकारी प्रकाश वाघ, लक्ष्मण गमे, दामोधर पाटील, जनार्दन बोथे, डाॅ. उद्धव गाडेकर, आचार्य हरिभाऊ वेरूलकर आदि सहित गुरुदेव भक्त बड़ी संख्या में मौजूद थे।