नक्सलग्रस्त क्षेत्र के विकास के लिए 12 करोड़ रुपए को मंजूरी

होगा कायाकल्प नक्सलग्रस्त क्षेत्र के विकास के लिए 12 करोड़ रुपए को मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-24 06:44 GMT
नक्सलग्रस्त क्षेत्र के विकास के लिए 12 करोड़ रुपए को मंजूरी

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। वर्ष 1980 से बदस्तूर जारी नक्सलवाद के कारण देश के अतिपछड़े 25 जिलों की सूची मंे शुमार गड़चिरोली जिले का विकास बाधित हुआ है। जिले के ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों रुपए की निधि प्रदान की जाती है। इस वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने विशेष कृति कार्यक्रम के तहत गड़चिरोली जिले के लिए 3 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की है। गड़चिरोली के साथ राज्य के नक्सल प्रभावित चंद्रपुर, गोंदिया व भंडारा जिले के लिए प्रति 3 करोड़ ऐसी कुल 12 करोड़ रुपए की निधि सरकार ने मंजूर की है। इस निधि से संबंधित जिले के सर्वाधिक नक्सलग्रस्त क्षेत्र में विकास कार्य करने के निर्देश सरकार ने जिला प्रशासन को दिए हंै।   बता दें कि, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के माध्यम से नक्सलग्रस्त इलाकों में ग्रामभेंट का आयोजन किया जाता है। नक्सल खोज मुहिम पर तैनात सुरक्षाबलों की मदद से यह उपक्रम चलाया जाता है। गांवों में पहुंचने के बाद ग्रामीणों के साथ की गयी चर्चा के बाद गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ समस्याओं का निवारण करने के प्रयास किए जाते हंै। जब इन जवानों द्वारा गांव की समस्याएं आला-अधिकारियों के समक्ष रखी जाती है, तब संबंधित गांव में विभाग के अधिकारी पहुंचकर समस्या का समाधान करते हैं। इसमें प्रमुखता से गांव में पानी की सुविधा उपलब्ध करवाना, सड़कों का निर्माण करवाना, आंगनवाड़ी व स्कूलों की मरम्मत करना, गांव में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करने जैसे उपक्रम चलाए जाते हैं। इन्हीं उपक्रमों के लिए सरकार ने विशेष कृति कार्यक्रम क्रियान्वित किया है। 
वर्ष 2009 से सरकार द्वारा प्रति वर्ष इस कार्यक्रम के तहत नक्सलग्रस्त क्षेत्र का विकास करने के लिए 3 करोड़ रुपए की निधि उपलब्ध करवायी जाती है। राज्य में सर्वाधिक नक्सलग्रस्त के रूप में गड़चिरोली के साथ चंद्रपुर, गोंदिया व भंडारा जिला परिचित है। इस वर्ष इन चारों जिलों के लिए 12 करोड़ रुपए की निधि मंजूर की गयी है। सरकार ने सर्वाधिक नक्सलग्रस्त क्षेत्र में विकास कार्यों को गति देने के निर्देश अपने सरकारी आदेश में दिए हंै। 
 

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