मालगाड़ी से कोयला व अनाज चोरी करने वालों का ‘बुलेट’ से पीछा करेगी आरपीएफ
मालगाड़ी से कोयला व अनाज चोरी करने वालों का ‘बुलेट’ से पीछा करेगी आरपीएफ
डिजिटल डेस्क,नागपुर। मालगाड़ियों से कोयला चोरी वर्षों से चल रही है लेकिन पटरियों पर गुजरती मालगाड़ियों से कोयला, अनाज चोरी कर संकरे रास्तों का फायदा उठाकर चोर भाग जाते हैं लेकिन कोयला चोरी कर भागनेवालों की अब खैर नहीं, क्योंकि जल्द ही आरपीएफ टीम को 7 नई बुलेट गाड़ियां मिलनेवाली हैं। इनके सहारे संकरे व खराब रास्तों पर पेट्रोलिंग में आसानी तो होगी ही, आरोपियों का पीछा कर उन्हें पकड़ने में मदद भी मिलेगी।
वीरान क्षेत्रों का फायदा उठाते हैं चोर
दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत सैकड़ों किमी में रेल पटरियां फैली हैं। शहरी इलाके ही नहीं, वीरान क्षेत्रों से भी होकर जाती हैं मालगाड़ियां। कई बार सुनसान जगहों पर ठहर भी जाती हैं। कई घंटे तक सिग्नल नहीं मिलने से खड़ी रहती हैं। इनमें अनाज व कोयले से भरी मालगाड़ियों में अक्सर चोरी की घटनाएं सामने आती हैं।
कई संवेदनशील प्वाइंट
कामठी से डुंबरी परिसर में कोयला चोरों की टोलियां काफी सक्रिय है। बड़े माफिया भी इससे जुड़े हैं। इसके अलावा कई संवेदनशील प्वाॅइंट हैं, जहां कोयला चोरी की घटनाएं होती रहती है। कई बार आरपीएफ ने इस पर रोक लगाने का प्रयास किया हैं, लेकिन पूरी तरह से सफलता नहीं मिली।
चार पहिया वाहनों से पीछा करने में होती हैं मुश्किलें
इस असफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण चारपहिया वाहन भी हो सकता है। आरपीएफ के सभी थानों में चारपहिया वाहन तो हैं, लेकिन पेट्रोलिंग से लेकर आरोपियों का पीछा करने में यह गाड़ियां कारगर नहीं रहती। आकार बड़ा रहने से आसानी से दिखाई देती और अपराधी सतर्क हो जाते हैं। साथ ही खराब व संकरे रास्तों पर इन वाहनों का कोई उपयोग नहीं हो पाता। बुलेट मोटरसाइकिल इसका बेहतर विकल्प हो सकता है, ऐसा मानते हुए आरपीएफ की ओर से इस योजना पर अमल पर किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे लाइन के आसपास बसी बस्तियों में इसी कोयले से चूल्हा जलते देखा जा सकता है। खुलेआम लोग सुबह शाम सिगड़ी में कोयला भरकर जलाते हुए देखे जा सकते हैं। रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी होती है लेकिन कार्रवाई कई वजहों से मुश्किल होती है।