शराबबंदी में शर्तो के अनुसार सरकार की छूट का राजद ने किया विरोध, सियासत गर्म

बिहार शराबबंदी में शर्तो के अनुसार सरकार की छूट का राजद ने किया विरोध, सियासत गर्म

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-01 11:30 GMT
शराबबंदी में शर्तो के अनुसार सरकार की छूट का राजद ने किया विरोध, सियासत गर्म

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में शराबबंदी को लेकर सरकार ने शर्त के अनुसार छूट देने की घोषणा की तो इसे लेकर राज्य में सियासत भी प्रारंभ हो गई। इस बीच, कहा जा रहा है कि शराबबंदी को लेकर लगातार विरोध झेल रही सरकार अब कानूनों में भी बदलाव की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि विधानमंडल के बजट सत्र में ही सरकार संशोधन विधेयक लेकर आ सकती है।

राज्य सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि राज्य में अब शराब पीकर पकड़े जाने पर अब आप जेल जाने से बच सकते हैं। इसके लिए लेकिन आपको उन तस्करों और कारोबारियों के विषय में बताना होगा, जहां से आपने शराब खरीदी थी। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार ने कहा कि शराब पीने वाले व्यक्ति अगर पकड़े जाते हैं, तो वैसी स्थिति में अब जेल नहीं भेजा जाएगा।

बशर्ते शराब पीने वाला व्यक्ति शराब के स्रोत की जानकारी दे दे। इसके बाद अगर पुलिस या उत्पाद विभाग की कार्रवाई में बताई गई जगह से शराब बरामद हो जाती है या शराब बेचने वाला पकड़ा जाता है, तो शराब पीने वाले को जेल नहीं भेजा जाएगा।

विभाग के इस निर्णय का राजद ने विरोध किया है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मंगलवार को कहा कि सरकार शराबबंदी कानून को लागू करवाने में असफल हो गई है, इस कारण तरह-तरह के निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लिया गया यह फैसला आम लोगों के लिए कठिनाईयों का सबब बनेगा। उन्होंने कहा कि शराब पीने वाला व्यक्ति ही अगर शराब बेचने वाले व्यक्ति का ठिकाना पुलिस को बताएगा, तो इससे उसकी दुश्मनी शराब माफियाओं से हो जाएगी और ऐसे में खून खराबे की स्थिति बन सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार अब तक शराबबंदी कानून को लागू करने में सफल नहीं हो पाई है।

बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है। शुरूआत में इस कानून के तहत संपत्ति जब्त करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन बाद में 2018 में कानून में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी।

इधर, सरकार एक बार फिर से कानून में संशोधन का विचार कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय भी इस कानून के लागू करने पर सवाल उठा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि सरकार अब शराब पीने वालों पर से सरकार ने फोकस हटा लिया है। अब शराब बनाने, करोबार करने वालों और अवैध शराब की तस्करी करनेवालों पर सरकार की नजर है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि शराबबंदी को लेकर किरकिरी झेल रही बिहार सरकार बजट सत्र में संशोधन कानून लाने की तैयारी कर रही है।

(आईएएनएस)

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