खेल संघों पर स्पोर्टस कोड लागू करने पर रोक, खेल विभाग और प्रशासक को नोटिस

खेल संघों पर स्पोर्टस कोड लागू करने पर रोक, खेल विभाग और प्रशासक को नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-12 07:53 GMT
खेल संघों पर स्पोर्टस कोड लागू करने पर रोक, खेल विभाग और प्रशासक को नोटिस

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के खेल संघों पर स्पोर्टस कोड लागू करने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने राज्य शासन के खेल विभाग और मप्र एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के प्रशासक को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब-तलब किया है। 
 

मप्र एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव ने दायर की याचिका 

मप्र एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश जोशी और सचिव एसएस लक्कड़ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2010 में राष्ट्रीय खेल संघों के लिए स्पोर्टस कोड लागू किया था। स्पोर्टस कोड के अनुसार राष्ट्रीय खेल संघों में 70 वर्ष से उम्र वाला कोई भी व्यक्ति पदाधिकारी नहीं रह सकता है। इसके साथ सरकारी कर्मचारी भी खेल संघ के पदाधिकारी नहीं बन सकते है। किसी भी पदाधिकारी का कार्यकाल दो बार से अधिक नहीं होगा। स्पोर्टस कोड का पालन नहीं होने पर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी राष्ट्रीय खेल संघों को स्पोर्टस कोर्ड के अनुसार चुनाव कराने का आदेश दिया। इसके लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज एसपी गर्ग को प्रशासक नियुक्त किया गया। प्रशासक की देखरेख में सभी राष्ट्रीय खेल संघों के चुनाव स्पोर्टस कोड के अनुसार कराए गए। प्रशासक ने 8 फरवरी 2019 को प्रदेश के सभी खेल संघों को स्पोर्टस कोड के अनुसार चुनाव कराने का आदेश दिया। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि स्पोर्टस कोड केवल राष्ट्रीय खेल संघों के लिए लागू किया गया है। स्पोर्टस कोड प्रदेश के खेल संघों के लिए नहीं है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी स्पोर्टस कोड को लागू नहीं किया है। श्री उपाध्याय ने तर्क दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रशासक को राष्ट्रीय खेल संघों के लिए नियुक्त है। उन्हें प्रदेश के खेल संघों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। राजस्थान हाईकोर्ट भी प्रदेश के खेल संघों में स्पोर्टस कोड लागू करने पर रोक लगा चुकी है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने प्रदेश के खेल संघों पर स्पोर्टस कोड लागू करने पर रोक लगा दी है।

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