मेडिकल कॉलेज की जमीन पर खनिज माफिया का कब्जा - मुरम खोद कर बना दी खाई

मेडिकल कॉलेज की जमीन पर खनिज माफिया का कब्जा - मुरम खोद कर बना दी खाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-15 08:05 GMT
मेडिकल कॉलेज की जमीन पर खनिज माफिया का कब्जा - मुरम खोद कर बना दी खाई

डिजिटल डेस्क सतना। जिला मुख्यालय में प्रस्तावित गर्वमेंट मेडिकल कॉलेज के लिए अब जमीन का संकट भले न हो, लेकिन इस जमीन को जस का तस बचाए रख पाना टेढ़ी खीर है। रात के अंधेरे में  मेडिकल कॉलेज की इसी जमीन को खनिज माफिया खोद खाने के लिए जुट गया है। माफिया किस कदर इस तमीन को खाई बनाने पर तुला है  इस तथ्य का अंदाजा इन तस्वीरों से लगाया जा सकता है। मुरुम के अंधाधुंध अवैध उत्खनन ने इस गर्वमेंट प्रापर्टी को खाइयों में तब्दील कर दिया है। 

1.17 एकड़ सरप्लस है भूमि 
जिला मुख्यालय के कृपालपुर में प्रस्तावित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 45.22 एकड़ भूमि चाही गई थी। जिसमें से 37.72 एकड़ भूमि का आवंटन पहले ही किया जा चुका था। शेष 7.05 एकड़ भूमि की दरकार थी। हाल ही में  मेडिकल कॉलेज के प्रयोजन से ही 8.67 एकड़ भूमि आवंटित कर दी गई है। यानि मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज के लिए 1.17 एकड़ भूमि सरप्लस हो गई है।

मगर, राह नहीं आसान : 6 माह से भोपाल में फंसी है पेंच 
यहां शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण में बाधाओं का अंत नहीं है। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत 550 करोड़ की शुरुआती लागत से  मेडिकल कॉलेज के निर्माण की आधारशिला 19 जुलाई 2018 को रखी गई थी।  प्रथम चरण के निर्माण के लिए 3 जनवरी 2019 को 220 करोड़ 87 लाख का पहला टेंडर जारी किया गया।  मगर, इसी बीच राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के उप सचिव ने पीआईयू के परियोजना संचालक विजय सिंह वर्मा को नोटिस देकर नई पेंच फंसा दी।

नोटिस में सतना के साथ साथ छतरपुर और सिवनी में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए टेंडर जारी करने और कंसलटेंट एजेंसी तय करने में दूषित प्रक्रिया अपनाए जाने के आरोप लगाए गए । कुल मिला कर 6 माह बाद भी शासन स्तरसे मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए प्रथम निविदा को स्वीकृति तक नहीं मिल पाई है।

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