एक्शन के बाद रिएक्शन , नेताओं ने चुप्पी साधी
कांग्रेस में विवाद एक्शन के बाद रिएक्शन , नेताओं ने चुप्पी साधी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पशुपालन मंत्री सुनील केदार और पूर्व विधायक आशीष देशमुख में चल रहा टकराव खुलकर सामने आ गया। नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी की बैठक में आशीष देशमुख को पार्टी से बाहर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके बाद पशुपालन मंत्री ने भी आक्रामक अंदाज में अपने कार्यकर्ताओं को संकेत दिए। फिलहाल इस पूरे प्रकरण को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पार्टी में लोकतंत्र का हवाला देकर पार्टी नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। पार्टी नेताओं ने बैठक में हुए घटनाक्रम पर चुप्पी साधते हुए कहा कि हमें इस बारे में कुछ नहीं बोलना है। इसकी शुरुआत आशीष देशमुख ने की। एक्शन हुआ है तो रिएक्शन भी होगा। यह स्वाभाविक है। जो कुछ हुआ वह प्रदेश कमेटी के पदाधिकारियों की उपस्थिति में हुआ। वे प्रदेश स्तर पर इसकी रिपोर्टिंग करेंगे। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस इस पूरे प्रकरण पर निर्णय लेगी। हालांकि आशीष देशमुख पूरे प्रकरण में प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।
सभी को विचार रखने का अधिकार
नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने इस मामले में बचते-बचाते कहा कि सभी लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार है। आशीष देशमुख ने पहले अपना मत रखा। बैठक में सुनील केदार के समर्थकों ने अपने विचार रखे। किसने क्या कहा, उनसे ही पूछे। एक्शन का रिएक्शन होता है। सबकुछ पार्टी बैठक में हुआ। यही लोकतंत्र है। लोकतंत्र में सभी को अपना मत रखने की छूट है। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 2 उपाध्यक्ष और 5 महासचिव मौजूद थे। उनकी उपस्थिति में जो कुछ हुआ, वे इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को करेंगे। इसलिए मेरा कुछ कहना या बताना ठीक नहीं है। यह कोई विवाद का विषय नहीं है। पार्टी में सबकुछ खुला है। जिसके मन में जो है, वह पार्टी के सामने रखता है।
सभी को विचार रखने का अधिकार
नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र मुलक ने इस मामले में बचते-बचाते कहा कि सभी लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार है। आशीष देशमुख ने पहले अपना मत रखा। बैठक में सुनील केदार के समर्थकों ने अपने विचार रखे। किसने क्या कहा, उनसे ही पूछे। एक्शन का रिएक्शन होता है। सबकुछ पार्टी बैठक में हुआ। यही लोकतंत्र है। लोकतंत्र में सभी को अपना मत रखने की छूट है। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 2 उपाध्यक्ष और 5 महासचिव मौजूद थे। उनकी उपस्थिति में जो कुछ हुआ, वे इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस को करेंगे। इसलिए