गोरेवाड़ा चिड़ियाघर में लाए गए दुर्लभ प्रजाति के संगाई हिरण
मणिपुर में पाए जाते हैं गोरेवाड़ा चिड़ियाघर में लाए गए दुर्लभ प्रजाति के संगाई हिरण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर के बालासाहब ठाकरे अंतरराष्ट्रीय गोरेवाड़ा चिड़ियाघर में रविवार को नए वन्यजीव लाए गए हैं। वन्यजीवों के आदान-प्रदान प्रक्रिया के अंतर्गत इन्हें नई दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क से लाया गया है। लाए गए वन्यजीवों में 4 सांबर, 4 बंगाल लोमड़ी, 3 इंडियन लोमड़ी के अलावा मणिपुर राज्य में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के संगाई हिरण शामिल हैं। जिसे पहली बार महाराष्ट्र में देखा जा सकेगा।
नागपुर से दिल्ली भेजे गए थे बाघ
नागपुर शहर के पास ही गोरेवाड़ा बचाव केंद्र है। गत 2 साल पहले इसी के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर खोला गया है, जिसमें वन्यजीवों को छोड़ा गया है। गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र में बाघों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में वन्यजीव आदान-प्रदान प्रक्रिया के आधार पर अक्टूबर 20121 में यहां से 2 बाघ व 2 भालू दिल्ली जू में भेजे गए थे और वहां से सफेद हिरण, सांबर लाए गए थे। यह प्रकिया अभी भी खत्म नहीं हुई है। 13 मार्च को दिल्ली से उक्त नए वन्यजीवों को लाया गया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण संगाई हिरण है।
काफी कम है संख्या
संगाई हिरण मणिपुर राज्य के राज्य प्राणी हैं। यह पूरे देश में बहुत कम पाए जाते हैं। इनका अधिकृत आंकड़ा 300 से कम है। यह केवल मणिपुर राज्य के लोकटक तालाब परिसर में मिलते हैं। इनके संवर्धन के लिए किबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई है। इसके आलावा इन वन्यजीवों के प्रजनन के लिए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नई दिल्ली में विशेष संवर्धन प्रकल्प शुरू किया गया है, जहां से प्रजनन हुए वन्यजीवों को भारत के विभिन्न प्राणी संग्रहालयों में भेजा जाता है।