दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा- नेताओं और पत्रकारों पर धर्म, जाति, भाषा के आधार पर हो रही FIR
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा- नेताओं और पत्रकारों पर धर्म, जाति, भाषा के आधार पर हो रही FIR
डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को 26 जनवरी को दिल्ली में हुए किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों पर दर्ज मामले को राज्यसभा में उठाया। दिग्विजय सिंह ने कहा, यह व्यक्ति यों का उत्पीड़न है, क्योंकि उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया है। सिंह ने गृह मंत्री से इस मामले को देखने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों में एक ही प्रकार की प्राथमिकी दर्ज की गई है। नोएडा पुलिस ने सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, विनोद के. जोस (कारवां) और अन्य पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है।
नोएडा पुलिस ने सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान की मौत से संबंधित ट्वीट करने और फर्जी खबर फैलाने के लिए उन पर मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में नेशनल हेराल्ड के ग्रुप एडिटर-इन-चीफ जफर आगा और कारवां के संपादक अनंत नाथ का भी नाम शामिल है।
नेताओं और पत्रकारों पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए केस दर्ज किया गया है। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण ये कार्य किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा केजरीवाल से मिला, आंदोलनकारियों की रिहाई की मांग
कृषि कानून पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बीते 70 दिनों से जारी है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली की जेलों में बंद आंदोलनकारियों की रिहाई और लापता हुए युवाओं के संबंध में चर्चा के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इस प्रतिनिधिमंडल में प्रेम सिंह भंगू, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, इंदरजीत सिंह व हरपाल सिंह मुंडल शामिल थे, जिन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ उनके गृहमंत्री सतेंद्र जैन के अलावा राघव चड्ढा और डॉ. बलबीर सिंह से मुलाकात की।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने अब तक पता चले 29 लापता युवकों की सूची मुख्यमंत्री को सौंपी है, वहीं जेलों में बंद आंदोलनकारियों को सभी मानवीय सुविधाओं की मांग भी की है।