मप्र में कई नदियां उफान पर, महीने के आखिर में इन वजहों से होगी तेज बारिश

मप्र में कई नदियां उफान पर, महीने के आखिर में इन वजहों से होगी तेज बारिश

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-27 05:32 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। विभिन्न जिलों में बीते 24 घंटों में हुई बारिश के बाद मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश के आसार नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो माह के अंत तक प्रदेश में झमाझम बारिश हो सकती है। आपको बता दें कि शनिवार रात खकनार में 90.00 मिमी, बुरहानपुर तहसील में 70.8 मिमी और नेपानगर तहसील में 68.00 मिमी बारिश दर्ज की गई। बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां कुल 18.8 मिमी बारिश ही हुई। 

यहां हुई मूसलाधार बारिश
आपको बता दें कि मानसून आनके बाद से अब तक राजधानी में मूसलाधार बारिश देखने को नहीं मिली है, जिससे माह का कोटा भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। हालांकि प्रदेश के ​कई जिलों में बीते दिनों अच्छी बारिश देखी गई। इस बारिश से शुक्रवार को कूनो, सीप, अहेली, जमूदा, सरारी, मोरडूंगरी और पार्वती नदियां उफान पर रहीं। ऐसे में आवागमन भी प्रभावित हुआ है। 

चेतावनी
मौसम विभाग के आगामी 48 घंटे में सीहाेर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, हाेशंगाबाद, इंदाैर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में भारी बारिश की चेतावनी दी है। 

बीते 12 घंटों में इन जिलों में बारिश
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में बीते 12 घंटों के दौरान सर्वाधिक वर्षा खकनार में 90.00 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा बुरहानपुर तहसील में 70.8 मिमी और नेपानगर तहसील में 68.00 मिमी बारिश हुई। प्रदेश के जिलों की बात करें तो होशंगाबाद में 71.0 मिमी, रीवा में 49.8 मिमी, नर्सिंगपुर में 42.0 मिमी, सतना में 33.1 मिमी, नौगांव में 29.0 मिमी, उज्जैन में 26.4 मिमी, पचमढ़ी में 25.0 मिमी, बैतूल में 19.4 मिमी, भोपाल में 18.8 मिमी, गुना में 17.8 मिमी, रतलाम में 15.6, मलंजखंड में 9.0 मिमी, ग्वालियर में 8.3 मिमी, मंडला में 8.0 मिमी, इंदौर में 7.0 मिमी, सागर में 6.2 मिमी, उमरिया में 5.8 मिमी, जबलपुर में 4.0 मिमी, टीकमगढ़ में 2.0 और शाजापुर में 0.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। 

पांच कारक 
मौसम विभाग के अनुसार भोपाल एवं मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाले कारक पहला एक कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र के दक्षिण हिस्से एवं उससे लगे भाग में बना हुआ है जो हवा की ऊपरी भाग में 7 .6 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा भी बना है। 
- वहीं दूसरा मानसून ट्रक मीन सी लेवल पर फलोदी अलवर ग्वालियर उरई वाराणसी डाल्टनगंज से गंगा के पश्चिम बंगाल वाले क्षेत्र से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक गया है।
तीसरा एक और द्रोणिका जो इस लो प्रेशर एरिया गंगा के क्षेत्र वाले पश्चिम बंगाल से उतरी राजस्थान तक जो झारखंड उत्तरी छत्तीसगढ़ से होता हुआ दक्षिण उत्तर प्रदेश ऐसे 3.1 एवं 7 पॉइंट 6 किलोमीटर के बीच बना हुआ है जो ऊंचाई में दक्षिण की ओर झुका हुआ है।
चौथा एक हवा की ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा दक्षिण उत्तर प्रदेश एवं उससे लगे इलाके में 5 पॉइंट 8 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है जो दक्षिण पूर्व दिशा की और ऊंचाई के साथ झुका हुआ है।
पांचवा हवा के कम दबाव का क्षेत्र आगामी 31 जुलाई को उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाके में फिर से बनने की संभावना है।

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