सांसद की सक्रियता पर उठते रहे सवाल, नागपुर के लिए सीधी ट्रेन मिली ना ही एयर कनिक्टिविटी के लिए हुए राजनैतिक प्रयास, नगर सरकारों में कांग्रेस ने दर्ज कराई उपस्थिति
मध्य प्रदेश सांसद की सक्रियता पर उठते रहे सवाल, नागपुर के लिए सीधी ट्रेन मिली ना ही एयर कनिक्टिविटी के लिए हुए राजनैतिक प्रयास, नगर सरकारों में कांग्रेस ने दर्ज कराई उपस्थिति
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में सशक्त राजनैतिक नेतृत्व की कमी वर्ष 2022 में भी खलती रही। वर्ष समाप्त होने में कुछ घंटे ही बचे हैं, लेकिन जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों को लेकर पूरे वर्ष किसी प्रकार की राजनैतिक प्रयास होते नजर नहीं आए। वर्षों से चली जा रही सबसे अहम शहडोल संभागीय मुख्यालय से नागपुर तक के लिए सीधी ट्रेन की मांग इस वर्ष भी पूरी नहीं हो पाई। एयर कनेक्टीविटी के लिए भी किसी प्रकार के राजनैतिक प्रयास जनता के सामने नहीं आए। वहीं पासपोर्ट आफिस खोले जाने की प्रक्रिया अभी तक फाइलों में ही दफन होकर रह गई है। बदलाव की दृष्टि से नगर सरकारों में कांग्रेस ने जरूर बेहतर प्रदर्शन करते हुए भाजपा को पीछे छोड़ा।
यह कार्य इस साल भी नहीं हुए
जिला ही नहीं संभाग के लिए नागपुर इलाज के लिए बेहतर स्थान माना जाता है। वहां तक जाने के लिए ट्रेन सुविधा की मांग कई वर्ष से उठाई जा रही है। आकाशवाणी शहडोल रिले केंद्र होकर रह गया है। स्थानीय प्रसारण बंद है। खेल प्रतिभाओं के लिए खेल एकेडमी की भी दरकार है। पासपोर्ट कार्यालय, हवाई अड्डा सहित अन्य मांग इस वर्ष भी पूरी नहीं हो पाई। आवागमन के लिए फोर लाइन सडक़ भी संभाग से होकर नहीं बन रही। उपरोक्त कार्य ऐसे हैं जिनसे नागरिकों का सीधा जुड़ाव है, जो इस वर्ष भी पूरे नहीं हुए।
राजनैतिक शून्यता रही जिम्मेदार
जनता से जुड़ी समस्याओं और मांगों को इस साल भी पूरा नहीं होने के लिए राजनैतिक शून्यता को माना जा रहा है। ट्रेन चलाने, आकाशवाणी तथा फोर लेन जैसी सडक़ों के लिए सांसद को प्रयास करने चाहिए थे, लेकिन उनके द्वारा प्रयास केवल पत्राचार तक ही सीमित रहे। लोगों का यहां तक कहना है कि शहडोल मुख्यालय की सांसद हैं, लेकिन वे यहां आती ही नहीं। गाहे-बगाहे किसी कार्यक्रम में दिख जाती हैं, लेकिन यदि किसी को अपनी समस्या लेकर उनसे मिलना हो तो यह मुश्किल काम होता है।
23 साल बाद कांग्रेस सत्ता में आई
वर्ष 2022 नगर सरकारों में बदलाव के लिए जाना जाएगा। शहडोल नगरपालिका में कांग्रेस ने 23 साल बाद सत्ता में वापसी करते हुए भाजपा के एकाधिकार को समाप्त किया। यही नहीं धनपुरी, बुढ़ार और जयसिंहनगर में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। इन घटनाक्रमों ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया, वहीं डूब रही कांग्रेस के लिए संजीवनी का कार्य किया।