किसान आंदोलन के साए में पंजाब निकाय के नतीजे, कांग्रेस ने लहराया परचम, अकाली-भाजपा का सूपड़ा साफ
किसान आंदोलन के साए में पंजाब निकाय के नतीजे, कांग्रेस ने लहराया परचम, अकाली-भाजपा का सूपड़ा साफ
डिजिटल डेस्क (भोपाल)। किसान आंदोलन के बीच पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजे आज घोषित कर दिए गए। किसानों की नाराजगी का असर नतीजों पर साफ देखा जा सकता है। अकाली और भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने यहां बाटला, बठिंडा, मोगा, कपूरथला, पठानकोट नगर निगम में जीत हासिल कर ली है। नगर निगमों के अलावा कांग्रेस ने अभी तक 98 म्युनसिपल काउंसिल में जीत दर्ज कर ली है।
पठानकोट के सभी 50 वार्डों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। यहां बीजेपी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबिक 37 वार्डों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इसी तरह, बटाला में भी कांग्रेस की 35 सीटों पर जीत मिली है। बटाला के 50 में से 49 वार्ड के परिणाम घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस- 35, अकाली दल- 6, बीजेपी- 4, AAP- 3 और निर्दलीय ने 1 वार्ड पर जीत दर्ज की है। किसानों के विरोध के बीच, पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनावों में बड़ी बढ़त हासिल कर ली है, जबकि भाजपा, जो केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर गुस्से का सामना कर रही थी, का निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला है। क्लीन स्वीप में, कांग्रेस ने अबोहर में 50 वाडरें में से 49 जीते, जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने एक जीता।
होशियारपुर के 50 वाडरें में से, कांग्रेस ने 31 वार्ड जीते। भारतीय जनता पार्टी ने चार वार्ड जीते, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) ने दो जीते। हालांकि, शिअद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कोई वार्ड नहीं जीता। मोगा में, कांग्रेस ने 50 वाडरें में से 20 जीते, जबकि शिअद 15 वाडरें के साथ दूसरे स्थान पर रही। निर्दलीय उम्मीदवारों ने 10 वार्ड जीते, जबकि आप और भाजपा ने क्रमश: चार और एक वार्ड जीते।
भवानीगढ़ नगरपालिका परिषद में, कांग्रेस ने 15 में से 13 सीटें जीतीं, जबकि शिअद और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती। भाजपा और आप किसी भी सीट को हासिल करने में विफल रहे। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि 116 शहरी स्थानीय निकायों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है। बूथ कैप्चरिंग और झड़प के आरोपों के बीच, राज्य में 14 फरवरी को 39,15,280 मतदाताओं के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था।
मोहाली में अनियमितताओं की रिपोर्ट के कारण दो बूथों में रिपोलिंग के बाद नगर निगम के लिए मतगणना गुरुवार को होगी। शहरी स्थानीय निकायों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के बीच है। विवादित केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का सामना कर रही भाजपा भी मैदान में है। यह अकालियों के बिना दो दशकों में पहली बार चुनाव लड़ रहा है, जो कि एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी हैं, जिन्होंने कृषि कानूनों को लेकर पार्टी से किनारा कर लिया।
कस्बों और शहरों के स्थानीय मुद्दे भी चुनाव प्रचार के दौरान हावी रहे थे। सात नगर निगमों अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा - और 109 नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतगणना शुरू हुई। 2,302 वार्डो के लिए कुल 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे।
राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले ये चुनाव अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के लिए एक सेमीफाइनल है, जो कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को अपनी भुनाने की कोशिश में है। मतगणना की पूर्व संध्या पर, एक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चुनाव में धांधली के आरोप पर भाजपा और आप पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा, इन चुनावों में यह उनकी घबराहट की प्रतिक्रिया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि इन सभी दलों ने पंजाब को बर्बाद करने के लिए एक साथ काम किया है। काला कृषि कानून इसमें नवीनतम है।