कर्मियों की कमी के चलते धूल खा रहा प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल

अमरावती कर्मियों की कमी के चलते धूल खा रहा प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-25 10:35 GMT
कर्मियों की कमी के चलते धूल खा रहा प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  कोरोना की लहर के समय वर्ष 2020 में मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड कम पड़ गए थे। अमरावती संभाग के पांचों जिले से मरीज उपचार के लिए अमरावती आ रहे थे। उस समय डफरिन अस्पताल के पीछे इंडो अमेरिकन फाउंडेशन ने करीब 100 करोड़ रुपए खर्च कर 10 वार्डों का 13 बेड की क्षमतावाला प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल बनाया था। इनकी लाइफ 25 साल बताई है, जिसमें 2 साल बीत गए। अस्पताल में सभी सुिवधाएं हैं, लेकिन मानव संसाधन न होने से दो वर्ष से प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल धूल खा रहे हैं। 
इंडो-अमेरिकन फाउंडेशन ने डफरिन अस्पताल के पीछे खाली जगह पर 10 वार्ड का प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल बनाया। जिसमे एक वार्ड में 13 बेड की व्यवस्था की गई है। इस प्री-फेब्रिकेट हॉस्पिटल में दो आईसीयू, 7 जनरल वार्ड, एक ओपीडी और एक स्टाॅफ रूम है। सभी वार्ड एयर कंडीशनर करने से अस्पताल परिसर में ही लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी बनाया गया है। दो वर्ष पहले लगभग 100 करोड़ रुपए ेखर्च कर इंडो-अमेरिकन फाउंडेशन ने दान किया यह अस्पताल केवल मानव संसाधन की कमी से धूल खा रहा है। वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते दो वर्ष से इस अस्पताल के लिए अप्रोच रोड बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। 

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