प्रधानमंत्री घरकुल योजना यानी सपनों का घर सपने में ही मिलेगा
सांसद जलील ने लगाया औरंगाबाद की जनता को गुमराह करने का आरोप प्रधानमंत्री घरकुल योजना यानी सपनों का घर सपने में ही मिलेगा
डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। मार्च 2022 में प्रधानमंत्री आवास योजना की मुद्दत खत्म होने जा रही है। लेकिन, केंद्र व राज्य व जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते योजना के अंतर्गत सपनों का घर सपने में ही मिलेगा। यह बात कहते हुए सांसद इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया कि 9 दिसंबर, 2015 को सरकारी निर्णय के अनुसार गरीब लोगों को सभी तरह के सुविधाओं के साथ स्वयं के पक्के घर दिए जाने की घोषणा करके करोड़ों रुपए के होर्डिंग लगाकर व विज्ञापन देकर निधि का गलत उपयोग करके आम जनता को गुमराह किया गया। कहा कि अब इसका जवाब सीधे लोकसभा में नरेंद्र मोदी से मांगा जाएगा।
80,518 आवेदन लिए, सिर्फ 355 को दिया लाभ
सूबेदारी विश्रामगृह में संवाददातताओं के साथ बातचीत में सांसद जलील ने कहा कि देश के हरेक गरीब परिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2022 तक जल कनेक्शन, शौचालय की व्यवस्था, 24 घंटे बिजली व रास्ते की सुविधा सहित पक्के घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देने की घोषणा की थी। स्वयं का घर पाने की उम्मीद में वर्ष 2016 में औरंगाबाद शहर के 80,518 गरीब नागरिकों ने कागजात सहित ऑनलाइन आवेदन मनपा में जमा करवाए। पिछले सात साल में जिला प्रशासन द्वारा केवल 355 जरूरतमंदों यानी एक प्रतिशत से भी कम को घर मरम्मत के लिए लाभ दिया गया, जो शहर के लिए शर्म की बात है। घरकुल योजना के संबंध में केंद्र, राज्य व जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी उन्होंने लगाए।
ऐसे जमा किए गए आवेदन
4,567 झाेपड़पट्टी पुनर्वसन के लिए योजना नंबर अंतर्गत
12,253 योजना नंबर 2 अंतर्गत लाभ उठाने के लिए
52,856 योजना नंबर 3 से निजी निवेश मंे गृहनिर्माण फ्लैट के लिए
10,842 योजना नंबर 4 में स्वयं के घर निर्माण के लिए
नतीजा क्या रहा
80,518 जरूरतमंदों ने जमा किए आवेदन
1, 2 और 3 में किसी जरूतमंद को आज तक लाभ नहीं
4थे नंबर यानी 355 आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को घरकुल बनाने मिला अनुदान
गरीबों को छोड़, जानवरों को क्यों दे दी जमीन
सांसद जलील ने कहा कि घरकुल योजना अंतर्गत घर निर्माण करने के लिए 2019 में मिटमिटा स्थित गुट नंबर 307 में 20 हेक्टेयर जमीन जिलाधिकारी द्वारा दी गई थी। मनपा की ओर से प्रस्ताव नंबर 1003 तारीख 22 फरवरी, 2019 में मिटमिटा में 4,200 घर निर्माण करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी गई थी। लेकिन, 15 अक्टूबर, 2019 को आयोजित बैठक में संभागीय आयुक्त ने मिटमिटा की जमीन अचानक सफारी पार्क को देकर घरकुल के लिए नई जमीन तलाश करने के निर्देश जारी कर दिए। उन्होंने सवाल किया कि पहले से ही घरकुल योजना के घर निर्माण करने के लिए नई जमीन तय करने के बाद मिटमिटा की जमीन सफरी पार्क को देने की क्या जरूरत थी? क्या गरीब नागरिकों की तुलना में जानवर ज्यादा महत्वपूर्ण हैं? घरकुल के लिए तीसगांव, चिकलथाना, कांचनवाड़ी, सुंदरवाड़ी के विभिन्न गुट मंे सरकारी जमीन तय करके मनपा द्वारा जिलधिकारी की मंजूरी के लिए वर्ष 2020 में प्रस्ताव पेश किए गए। लेकिन, आज तक जगह नहीं दिया जाना गंभीर मामला है।
9 को समिति की बैठक में मांगेंगे घर नहीं दिए जाने का जवाब
सांसद जलील केंद्रीय गृहनिर्माण और नागरी व्यवहार स्थायी समिती के सदस्य भी है। देश भर में केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रकल्प व योजना पर समिति का नियंत्रण है। उन्होंने घरकुल योजना के तहत औरंगाबाद शहर के गरीबों को अब तक घर नहीं दिए जाने का कारण पूछने के लिए औरंगाबाद के संभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त को 9 फरवरी को दिल्ली में आयोजन होने जा रही बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश जारी करने का अनुरोध केंद्रीय समिति के अध्यक्ष व अर्बन डेवलपमेंट के सचिव से किया था। इसके मद्देनजर केंद्रीय समिति के अध्यक्ष ने औरंगाबाद शहर के गरीबों को आज तक लाभ नहीं देने की रिपोर्ट सहित बैठक मंे उपस्थित रहने का नोटिस जारी किया है।
फोटो : एमपी जलील नाम से
"आप उद्घाटन कीजिए, हम वाइन दुकानों को तोड़-फोड़ देंगे
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वाइन की बिक्री को किराना बाजारों में भी अनुमति देने के निर्णय का विरोध करते हुए सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य भर के कार्यकर्ताओं को संबंधित दुकानों में तोड़फोड़ करने की चेतावनी दी। इस संबंध में सांसद जलील ने कहा कि किसानों के हित के नाम पर वाइन की बिक्री यहां-तहां शुरू करने के प्रयास हो रहे हैं। यदि ऐसा है तो किसानों को गांजा की फसल उगाने की खुली अनुमति दें, उससे भी लाभ हाेगा। उन्होंने आह्वान किया कि सरकार को दूध की बिक्री को बढ़ावा देना चाहिए था। वाइन की बिक्री से बच्चों का भविष्य बर्बाद होने को लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने माता-बहनो से अपील की कि वे इस निर्णय का विरोध करें, और हम सब उनके साथ खड़े रहेंगे। यह भी कहा कि यदि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार वाइन शॉपी का उद्घाटन करने के लिए औरंगाबाद पहुंचेंगे तो वह सबसे पहले इसका विरोध करेंगे और राज्य भर की इस तरह की दुकानों में तोड़फोड़ की जाएगी। खाम नदी के किनारे नेताओं के नाम पर विभिन्न प्रकार की वास्तु तैयार करने पर सांसद जलील ने कहा कि यदि नाम ही रखने थे तो गाेविंद भाऊ श्राॅफ, पंडित नाथ नेरलकर, बशर नवाज आदि को तो पहले याद कर लेते।