18 हजार से अधिक ग्राहकों के घर की कटी बिजली
बकाया बिजली बिल वसूलने सख्ती 18 हजार से अधिक ग्राहकों के घर की कटी बिजली
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। महावितरण ने चंद्रपुर परिमंडल में चंद्रपुर व गड़चिरोली जिले के बकाया धारकों के खिलाफ बकाया वसूली मुहिम शुरू कर दी है। मुहिम के तहत पिछले छह माह में महावितरण द्वारा 18 हजार 273 लंबित बिजली बिल बकाया ग्राहकों की बत्ती गुल करने की बात सामने आई है। महावितरण के चंद्रपुर परिमंडल अंतर्गत चंद्रपुर व गड़चिरोली जिले में घरेलू, वाणिज्यिक, औद्याेगिक, सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक जलापूर्ति योजना व पथदीपों का बकाया लगभग 289 करोड़ के करीब पहुंचने से महावितरण ने बकाया धारकों के खिलाफ वसूली व बिजली आपूर्ति खंडित करने की मुहिम शुरू की है।
महावितरण के सभी अधिकारी व कर्मचारी वसूली कार्य के मैदान में उतरे हैं। ग्राहकांें के बकाया के लिए बिजली आपूर्ति खंडित न हो तथा ग्राहकों को परेशानी न हो इसके लिए अवकाश के दिन भी सभी बिजली बिल भुगतान केंद्र शुरू रखे गए हैं। चंद्रपुर परिमंडल में चालू वर्ष व पिछले वर्ष की मांग में से घरेलू ग्राहकांें से 33 करोड़ 17 लाख, वाणिज्य गाहकों से 7 करोड़ 77 लाख, औद्योगिक ग्राहकों से 7 करोड़ 3 लाख, ग्रामीण व शहरी जलापूर्ति योजना से 3 करोड़ 43 लाख, ग्रामीण व शहरी पथदीप सहित कुल 223 करोड़ 82 लाख रुपए बकाया है। अवधि खत्म होने पर घरेलू ग्राहकों के साथ अब बकाया धारक सरकारी कार्यालय, नगरपालिका व तत्सम बकाया ग्राहकांें की बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है। पिछले छह माह में इन सभी बकाया धारकों के खिलाफ निरंतर बिजली आपूर्ति खंडित करने की मुहिम शुरू है। मुहिम के तहत चंद्रपुर परिमंडल में 18 हजार 273 बकाया धारकों की बिजली आपूर्ति खंडित की गई है। महावितरण के अस्तित्व के लिए ग्राहकांें द्वारा उपयोग किए गए सभी यूनिट की वसूली अत्यावश्यक होकर वसूल की गई राशि से तथा कर्ज लेकर महावितरण बिजली खरीदी कर ग्राहकांें के प्रति जिम्मेदारी निभाती है।
85 प्रतिशत राशि खर्च होती है बिजली खरीदी पर : बिजली बिल वसूली से प्राप्त राशि से 85 प्रतिशत राशि बिजली खरीदी पर खर्च की जाती है। कई सेवाओं में प्रथम पैसा बाद में सेवा ऐसी प्रणाली रहती है, लेकिन महावितरण प्रथम बिजली आपूर्ति करती है व बाद में बिजली का बिल देती है। इसके बावजूद बिजली कंपनी के अभियंता कर्मचारी से मारपीट, अपमान सहते हैं। ग्राहकों द्वारा बिजली बिल का भुगतान करना अपेक्षित है, लेकिन वसूली के लिए ग्राहकों के दरवाजे पर जाना पड़ रहा है। बिजली ग्राहकों को 24 घंटे बिजली मिले इसके लिए महावितरण बिजली निर्मिती कंपनी से बिजली खरीदी कर वसूल हुए पैसों से बिजली खरीदी करती है। बिजली निर्मिती कंपनी कोयला, प्राकृतिक तेल बिजली निर्मिती के लिए खरीदी करते हैं। कोयला व तेल कंपनियों को भी पैसे देना पड़ता है, लेकिन वसूली नहीं हुई तो यह चक्र कैचे चलेगा। यह सवाल उपस्थित हो रहा है। महावितरण की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ग्राहकों ने बकाया का भुगतान कर महावितरण को सहयोग करने का आह्वान मुख्य अभियंता सुनील देशपांडे ने किया है।