प्यूरिफायर का काम करते हैं पौधे, इन पौधों को लगाने से कम होता पोल्यूशन
प्यूरिफायर का काम करते हैं पौधे, इन पौधों को लगाने से कम होता पोल्यूशन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पोल्यूशन पूरे देश की समस्या बन गया है। बढ़ते एयर पोल्यूशन से हर शहर जूझ रहा है, नागपुर भी इससे बचा नहीं है। एयर पोल्यूशन लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।सरकार पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे बचने के लिए मास्क लगाने से लेकर खान-पान तक तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। कुछ ऐसे पौधे हैं, जिन्हें लगाकर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनबीआरआई) ने कुछ ऐसे पौधों की लिस्ट बनाई है, जो धूल को फिल्टर करते हैं और उसे अवशोषित कर उनके प्रभावों को कम कर देते हैं। वनस्पति विज्ञान के विशेषज्ञ के अनुसार क्राइसेंथेमम का बदलता हुआ रंग इस बात का संकेत होता है कि आसपास सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा है। वहीं भारतीय ओलेंडर की पत्तियां फिल्टर के रूप में काम करती हैं और बढ़े प्रदूषण से फेफड़ों को बचाती हैं।
ये हैं बेहतरीन पौधे
रबर प्लांट, बॉस्टन फ्रेन, स्पाइडर प्लांट, स्नेक प्लांट ऐसे इनडोर प्लांट हैं, जो एयर प्यूरिफायर का काम करते हैं। वहीं आउटडोर प्लांट्स में नीम, पीपल, अशोक और दूसरे पेड़ ऐसे हैं, जो प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे अच्छे प्यूरिफायर होते हैं। इन पेड़ों की पत्तियों का आकार और कण पदार्थों को स्थिर करने की क्षमता से प्रदूषण से लड़ने में मदद करती हैं।
76 प्लांटों की तैयार की गई लिस्ट
एनबीआरआई ने आउटडोर और इनडोर वाले इस एयर प्यूरिफायर प्लांट्स की लिस्ट अपने एप में अपलोड की है। ईएनवीआईएस एनबीआरआई में ग्रीन प्लानर में इसकी विस्तृत सूची दी गई है। एनबीआरआई के निदेशक एस.के. बारिक ने बताया कि एप में 76 पलूशन फाइटिंग प्लांट्स की लिस्ट अपलोड की गई है। ये प्लांट्स प्रदूषण और लोगों के स्वास्थ्य के बीच एक बैरियर का काम करेंगे। ये प्लांट्स लोगों को सिर्फ धूल से ही नहीं, बल्कि सल्फर डीऑक्साइड और कार्बन जैसी हानिकारक गैसों से भी बचाएंगे।