बायोडीजल पंप शुरू करना राज्य सरकार का नीतिगत मामला
बाम्बे हाईकोर्ट ने कहा बायोडीजल पंप शुरू करना राज्य सरकार का नीतिगत मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य में बायो डीजल पंप शुरु करना है कि नहीं यह राज्य सरकार के नीतिगत मामले के दायरे में आता है। इसके अलावा राज्य सरकार को बायो डीजल बोर्ड में किसे सदस्य बनाना है और इन सदस्यों की क्या योग्यता होगी। यह भी सरकार का नीतिगत विषय है।अदालत इस संबंध में निर्देश नहीं जारी कर सकता। लेकिन याचिकाकर्ता चाहे तो वह इस संबंध में राज्य सरकार के संबंधित विभाग को निवेदन दे सकता है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने यह बात कहते हुए आल इंडिया बायो डीजल एसोसिएशन की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें राज्य सरकार को बायो डीजल के सौ रिटेल पंप शुरु करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में आग्रह किया गया था कि केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार को बायो डीजल बोर्ड का गठन करने के लिए कहा जाए और इस बोर्ड के सदस्य के रुप में याचिकाकर्ता के एसोसिएशन के सदस्यों को शामिल करने का निर्देश दिया जाए। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने खंडपीठ के सामने कहा कि राज्य सरकार ने बायो डीजल को लेकर नीति तैयार कर ली है। इस संबंध में 11 मई 2021 को शासनादेश भी जारी कर दिया है। ऐसे में अब इस याचिका में की गई मांगो के बारे में विचार करने की जरुरत नहीं नजर नहीं आ रही है। इसलिए इस याचिका पर विचार न किया जाए।
इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि आखिर कौन से मौलिक अधिकार के तहत याचिकाकर्ता ने पंप शुरु करने की मांग की है। खंडपीठ ने कहा कि बायो डीजल पंप किन शर्तो के साथ शुरु किए जाए यह सरकार के नीतिगत मामले के दायरे में आता है। हम इस मामले में निर्देश नहीं दे सकते हैं। खंडपीठ ने फिलहाल याचिकाकर्ता को अपनी मांग को लेकर संबंधित विभाग के सामने निवेदन रखने की छूट दी है और याचिका को खारिज कर दिया है।
नागपुर, गोंदिया, भंडारा सहित विदर्भ के 6 जिलों बायो डीजल से चलेंगे वाहन
बायोफ्यूल बनाने के लिए करंज वनस्पति का इस्तेमाल किया जाएगा है। करंज के बीजों में 30 प्रतिशत तक तेल होता है। बायोफ्यूल की दृष्टि से भी यह तेल काफी कारगर साबित हुआ है, इसलिए इसे मनीप्लांट भी कहा जाने लगा है। कुछ मामूली प्रक्रिया के जरिए इसे बायोडीजल में बदला जाता है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गढ़चिरौली और वर्धा जिलों को डीजलमुक्त करने की घोषणा की थी। इन जिलों के वाहनों में डीजल की जगह करंज वनस्पति के बीजों से बने बायोफ्यूल या बायोडीजल का इस्तेमाल किया जाएगा। गडकरी के मार्गदर्शन में ग्रीन क्रूड बायोफ्यूल फाउंडेशन इस पर काम कर रहा है। शुरुआत में करंज के करीब 3-4 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इनके बीज तैयार होने पर 4 बायोफ्यूल प्लांट लगाए जाएंगे। यहां तैयार बायोफ्यूल बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा, जो डीजल की तुलना में करीब 15 से 20 रुपए सस्ता होगा।बीते मई माह में महाराष्ट्र सरकार ने बायो डीजल नीति जारी की थी।