जवानों को मिलेगी हार्ट कार्डियो स्टार्टिकेट पम्पिंग की ट्रेनिंग, एक्सीडेंट में हार्टअटैक रोकने के प्रयास
जवानों को मिलेगी हार्ट कार्डियो स्टार्टिकेट पम्पिंग की ट्रेनिंग, एक्सीडेंट में हार्टअटैक रोकने के प्रयास
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब किसी भी हादसे में घायल व्यक्ति की हृदय की गति रुकने के कारण मौत नहीं होगी। घटनास्थल पर पहुंचा पुलिस का जवान सबसे पहले घायल व्यक्ति की इसी बात पर ध्यान देगा कि उस घायल व्यक्ति की धड़कन शुरू है या बंद हो गई है। दिल की धड़कन रुकने पर वह आईएमए के डॉक्टरों से सीखे हुनर का उपयोग कर उस व्यक्ति की बंद दिल की धड़कन को शुरू करेगा।
15 मई से ट्रेनिंग
नागपुर देश का पहला शहर होगा, जहां पुलिस विभाग के जवानों को डॉक्टर इस तरह का प्रशिक्षण देने जा रहे हैं, जो घायल व्यक्ति की हृदय गति रुकने से मौत नहीं होने देंगे। नागपुर आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के डॉक्टर कुश झुनझुनवाला ने बताया कि नागपुर शहर और ग्रामीण पुलिस विभाग के करीब 15 हजार जवानों को हार्ट कार्डियो स्टार्टिकेट पम्पिंग पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे दिल की बंद धड़कन को दोबारा शुरू किया जा सकता है। प्रशिक्षण आगामी 15 मई को शुरू किया जाने वाला है।
पुलिस आयुक्त का सहयोग
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. कुश झुनझुनवाला ने बताया कि शहर पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय से बातचीत हो चुकी है। डॉ. उपाध्याय ने उसकी इस कल्पना की सराहना की। इसे अच्छी तरह समझने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. उपाध्याय और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राकेश ओला पुलिस जवानों को इस तरह के प्रशिक्षण देने पर राजी हुए।
-सबसे पहले ट्रैफिक पुलिस विभाग के 550 जवानों को यह प्रशिक्षण दिया जाने वाला है। प्रशिक्षण उन्हें सुबह के समय उनके थाने के क्षेत्र में दिया जाएगा। जवानों की मास्टर प्लान की सूची पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय के मार्गदर्शन में तैयार की जा रही है।
-कई बार पुलिस वाले तनाव में रहते हैं। उन्हें भी ह्रदयाघात हो जाता है। एेसे में प्रशिक्षित पुलिस जवान अपने साथी की मदद कर उसकी जान बचा सकेंगे। पुतलों के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। दमकल विभाग के अलावा एसआरपी के जवानों को भी प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा।
-एक बार में करीब 150 पुलिस जवानों को यह प्रशिक्षण आईएमए की ओर से दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण शहर के 1 से 5 पुलिस जोन के अंतर्गत आनेवाले थाना स्तर पर में तैनात पुलिस जवानों को प्रसिद्ध डॉक्टर यह हुनर सीखाएंगे।
जान बचाना मकसद
आईएमए का मानना है कि घटनास्थल पर एम्बुलेंस से पहले संबंधित क्षेत्र की पुलिस पहुंचती है। पुलिस किसी भी घायल की बंद धड़कन को शुरू कर दिया तो उसकी जान बचाई जा सकती है। इससे सड़क हादसे में ह्रदयाघात से होने वाली मौत के आंकड़े पर रोक लग सकेगी।
अच्छी पहल है, पूरा सहयोग करेंगे
आईएमए के डॉक्टरों की यह अच्छी पहल है। इस मामले में पूरा सहयोग किया जाएगा। इससे घायलों की जान तो बचाई जा सकती है। मास्टर प्लान बना लिया गया है। जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय, पुलिस आयुक्त शहर नागपुर