पुलिस विभाग ने गांव में उपलब्ध करवाई बुनियादी सुविधाएं
सिंचाई का नहीं होगा अभाव पुलिस विभाग ने गांव में उपलब्ध करवाई बुनियादी सुविधाएं
डिजिटल डेस्क, भामरागढ़ (गड़चिरोली)। नक्सलियों से निपटने के साथ-साथ पुलिस विभाग अब आदिवासियों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने का कार्य भी कर रहा है। ‘पुलिस दत्तक गांव योजना’ के तहत भामरागढ़ के उपविभागीय पुलिस अधिकारी नितीन गणापुरे ने क्षेत्र के ईरूकडूम्मे गांव को गोद लिया है। पिछले अनेक वर्षों से सिंचाई सुविधा के अभाव में किसानों की फसलें नष्ट होने की शिकायत मिलते ही उन्होंने अपने नेतृत्व में किसानों के लिए सिंचाई तालाब का निर्माणकार्य शुरू किया है। साथ ही गांव में विभिन्न तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवायी है। यह तालाब आगामी कुछ ही दिनों में बनकर तैयार होगा। जैसे ही बारिश होगी, इसमें पानी संचयन शुरू होगा, जिससे इस वर्ष से ही किसानों को तालाब से सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सकेगा।
बता दें कि, तहसील के ताड़गांव पुलिस मदद केंद्र के तहत आने वाला ग्राम ईरूकडूम्मे अब तक विकास से वंचित था। गांव तक पहुंचने के लिए न तो पक्की सड़क थी और न ही गांव में किसी तरह की सुविधा। उपविभागीय पुलिस अधिकारी गणापुरे को इसकी जानकारी मिलते ही उन्होंने ‘पुलिस दत्तक गांव योजना’ के तहत इस गांव को गोद लेने का निर्णय लिया। इस आशय का एक प्रस्ताव जिला पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल के समक्ष पेश किया गया। अनुमति मिलते ही उन्होंने इस गांव को हाल ही में गोद लिया। ग्रामभेंट के दौरान एसडीपीओ ने ग्रामीणों से कई तरह की समस्या सुनी।
सबसे बड़ी समस्या सिंचाई व्यवस्था की थी। इस समस्या का निवारण करने गांव में सिंचाई तालाब का निर्माण करने का फैसला लिया गया। फैसले के तहत ईरूकडूम्मे गांव सटे जंगल परिसर में सिंचाई तालाब निर्माणकार्य का भूमिपूजन किया गया। हाल ही में 10 जून को केंद्रीय आरक्षित पुलिस दल के सहायक कमांडेंट कमलेश इंदोरा के हाथों तालाब निर्माणकार्य का भूमिपूजन किया गया। इस समय सीआरपीएफ के पुलिस निरीक्षक मुलाराम भरवाना, प्रभारी अधिकारी प्रेमशाह सयाम, ताड़गांव के प्रभारी अधिकारी मनोज अहिरे, ईरूकडूम्मे के उपसरपंच रैनु आत्राम, गांव पटेल आत्राम समेत नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। तालाब का निर्माणकार्य शुरू होने से इस वर्ष खरीफ सत्र के दौरान गांव के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे किसानों समेत ग्रामीणों में खुशी व्यक्त की जा रही है।
हर वर्ष होती थी फसलों की बर्बादी
भामरागढ़ नदियों की तहसील के रूप में परिचित है। बारिश के चार महीनों तक तहसील के दर्जनों गांवों का संपर्क नदियों की बाढ़ के कारण कट जाता है। लेकिन खेती के लिए यहां सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इंद्र देवता रूठ गये तो किसानों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। पिछले पांच वर्ष से गांव के किसानों की धान की फसलें सिंचाई सुविधा के अभाव में नष्ट हो रहीं हैं। गांव में किसी तरह का तालाब नहीं है। फसलों को बचाने और वित्तीय संकटों से बचने के लिए ही ईरूकडूम्मे के ग्रामीणों ने पुलिस विभाग से सिंचाई तालाब की मांग की। जो अब मंजूर होकर जमीनी स्तर पर निर्माणकार्य भी आरंभ हो गया है। सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से अब खरीफ व रबी सत्र में भी किसान अपने खेतों में फसलें उगा पाएंगे।