कवि वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य आधार पर मिली जमानत
शर्तें भी हटी कवि वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य आधार पर मिली जमानत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । महाराष्ट्र में पुणे जिले के भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक परिसर में 1 जनवरी 2018 को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार कवि वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य कारणों के आधार पर जमानत दे दी। इसके साथ ही अदालत ने तीन महीने बाद सरेंडर करने के बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई शर्ते को भी हटा दिया है। जस्टिस यूयू ललित, अनिरुद्ध बोस और सुधांशु धूलिया की पीठ ने आज राव की बॉम्बे हाईकोर्ट के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें नियमित जमानत देने से इंकार करने के आदेश को चुनौती देनी वाली याचिका पर सुनवाई की।
पीठ ने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि वरवरा राव को उनकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और उनकी हिरासत की ढाई साल की अवधि को ध्यान में लेते हुए उन्हें जमानत दे दी गई है। पीठ ने यह भी कहा कि मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और आरोप पत्र दायर होने के बावजूद उन पर आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता के स्वास्थ्य स्थिति में इतने समय तक सुधार नहीं हुआ है कि जमानत की सुविधा जो पहले दी गई थी, वापस ले ली जाए। परिस्थितियों की समग्रता को देखते हुए अपीलकर्ता स्वास्थ्य आधार पर जमानत का हकदार है। इससे पहले वरवरा राव को अंतरिम जमानत दी गई थी। अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदलते हुए पीठ ने कहा है कि राव मुंबई में विशेष एनआईए अदालत के अनुमति के बिना शहर नहीं छोडेंगे। वह किसी भी तरह से अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और किसी भी गवाह से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। राव को 2018 में हैदराबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। भीमा कोरेगाव हिंसा मामले में गिरफ्तार राव के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।