भारत के डिफेंस सेक्टर में पहली बार प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है- पीएम मोदी

भारत के डिफेंस सेक्टर में पहली बार प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है- पीएम मोदी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-22 06:11 GMT
भारत के डिफेंस सेक्टर में पहली बार प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है- पीएम मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वेबिनार को संबोधित किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अपने इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की क्षमताओं पर भरोसा करती है और आज तेजस आसमान में उड़ान भर रहा है। कुछ हफ्ते पहले 48,000 करोड़ रुपये के तेजस का ऑर्डर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को इतना अधिक बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब हमारे अपने लड़ाकू विमान तेजस को फाइलों में बंद करने की नौबत आ गई थी, लेकिन हमारी सरकार ने तेजस की क्षमताओं पर भरोसा किया और वह आज आसमान में उड़ान भर रहा है। 

बजट के बाद भारत सरकार अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के साथ चर्चा करके बजट को कैसे-कैसे इंप्लीमेंट किया जाए और बजट के लिए साथ मिलकर कैसे रोडमैप तैयार हो, इस पर चर्चा हो रही है। आज रक्षा मंत्रालय के वेबीनार में भाग ले रहे सभी पार्टनर्स, स्टैक होल्डर्स के साथ चर्चा का मौका मिला है। 

जहां हमारे वीर जवान ट्रेनिंग लेते हैं वहां हम कुछ ऐसा लिखा हुआ देखते हैं कि शांतिकाल में बसाया पसीना, युद्ध काल में रक्त बहने से बचाता है। यानी, शांति की प्री-कंडिशन है वीरता। वीरता की प्री-कंडीशन है सामर्थ्य। सामर्थ्य की प्री-कंडीशन है पहले से की गई तैयारी। आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां होती थीं।दोनों विश्व युद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे। लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया, जितना किया जाना चाहिए था।

भारत ने डिफेंस से जुड़े ऐसे 100 महत्वपूर्ण डिफेंस आइटम्स की लिस्ट बनाई है, जिन्हें हम अपनी स्थानीय इंडस्ट्री की मदद से ही मैन्यूफैक्चर कर सकते हैं। इसके लिए टाइमलाइन इसलिए रखी गई है ताकि हमारी इंडस्ट्री इन ज़रूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य हासिल करने के लिए प्लान कर सकें

सरकारी भाषा में ये Negative list है लेकिन आत्मनिर्भरता की भाषा में ये Positive List है। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है जिसके बल पर हमारी अपनी मैन्युफेक्चरिंग कैपेसिटी बढ़ने वाली है। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है जो भारत में ही रोज़गार निर्माण का काम करे। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है जो अपनी रक्षा ज़रूरतों के लिए हमारी विदेशों पर निर्भरता को कम करने वाली है। ये वो पॉजिटिव लिस्ट है, जिसकी वजह से भारत में बने प्रॉडक्ट्स की, भारत में बिकने की गारंटी है।

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