कर्मियों ने आयुध निर्माणी भंडारा के मुख्यद्वार पर किया प्रदर्शन

विरोध कर्मियों ने आयुध निर्माणी भंडारा के मुख्यद्वार पर किया प्रदर्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-29 09:38 GMT
कर्मियों ने आयुध निर्माणी भंडारा के मुख्यद्वार पर किया प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, जवाहरनगर (भंडारा)। ऑल इंडिया डिफेन्स एम्प्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर आयुध निर्माणी भंडारा में ऑर्डिनेंस फैक्टरी(फैक्ट्री) एम्प्लाइज यूनियन के महासचिव कालीदास धकाते के नेतृत्व में अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाया गया। इस समय कर्मचारियों द्वारा आयुध निर्माणी भंडारा के मुख्यद्वार पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए गए। इस समय कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ट्रेड यूनियन के अधिकारों के ऊपर हमला किया जा रहा हंै। कामगारों के अधिकारों का हनन कर सरकार कामगार विरोधी नीतियां ला रही हंै। सरकार ट्रेड यूनियन की अनदेखी से कर्मचारियों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि सरकार के एक तरफा फैसलें, बैठकों का आयोजन न करके जेसीएम स्किम को कमजोर करने तथा वर्तमान सरकार द्वारा अपनाई जा रही मजदूर विरोधी एवं ट्रेड यूनियन विरोधी नीतियों के कारण ट्रेड यूनियन एवं मजदूरों पर प्रतिदिन हमले किए जा रहे हंै। बताया गया कि लगभग 100 वर्षों के संघर्ष के पश्चात भारतीय मजदूर वर्ग द्वारा कड़ी मेहनत से हासिल हुए श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है। उनके स्थान पर चार श्रम संहिताओं के नाम पर कानूनों से छेड़छाड़ की जा रही है।

उक्त प्रस्ताव में एआईडीईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि सैन्य अस्पताल सेना, वायुसेना एवं नौसेना के प्रशिक्षण केंद्रों के कर्मचारियों को ट्रेड यूनियन करने के अधिकारों से मना किया जा रहा हंै।  इसी तरह आयुध निर्माणियों का निगमीकरण करने का सीओडी एवं वर्कशॉप को बंद करने तथा नोसेना, डी आर डी ओ में बढ़े पैमाने पर आउट सोर्सिंग करने के माध्यम से अन्य रक्षा उद्योगो की भूमिका को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ट्रेड  यूनियन के नेताओं को उनकी ट्रेड यूनियन की वास्तविक गतिविधियों के लिए उनका स्थानांतरण किए जाने, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने आदि धमकी दी जा रही है। उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये आयुध निर्माणी भंडारा के मुख्य द्वार के सामने सुबह 7 से 8 बजे तक पर्चा बांटकर विरोध दर्शया। इस भारतीय विरोध दिवस कार्यक्रम में शामिल होने और सरकार के प्रति अपने असंतोष को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त किया गया। इस आंदोलन में कार्याध्यक्ष भारत बाराई ,कैलाश जगताप, नितीन कोटानगले, हसन शेख, अनिल पटले, नीलेश दुधे, अमरदीप सुखदेवे, गजेंद्र सिंह कुर्वती,शांत कोचे,लिंद चहान्दे, चिंटू कनोजे, अमित गोंडाने, सुरेश मौर्या, अमोल खंडारे, शीष बोरकर, दिनेश पटले, विजय बागड़े, टेकराम बावनकर आदि शामिल थे।

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