जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने की ताड़ोबा की सैर
चंद्रपुर जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने की ताड़ोबा की सैर
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बाघों का घर कहे जानेवाले ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प क्रिसमस के उपलक्ष्य में हाउसफुल रहा। दरम्यान नागपुर में चल रहे अधिवेशन को दो दिन छुट्टी रहने के चलते कई मंत्री, विधायकों के साथ अफसरों ने भी ताड़ोबा की सफारी की। जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटील, कामगार मंत्री समेत कई विधायकों ने ताड़ोबा के कोलारा, मोहर्ली जैसे विविध गेट से सफारी की। इसके अलावा कई अधिकारी भी थे। इसके चलते सामान्य कोटे के साथ वीआईपी कोटा भी फुल था। सूत्रों ने बताया कि, ताड़ोबा हाउसफुल रहने के कारण कई नियमों को भी नजरअंदाज किया गया। निश्चित क्षमता से अधिक वाहन छोड़े गए। जंगल सफारी की चाह रखनेवालों की संख्या इतनी थी कि, जिप्सीयां व गाइड की भी कमी महसूस की गई।
ताड़ोबा सफारी दौरान मोबाइल के उपयोग पर पाबंदी है। कुछ शुल्क देकर कैमरे से फोटो निकाल सकते हैं लेकिन सभी पर्यटक कैमरे नहीं खरीद सकते हैं, ऐसा कहकर नाराजगी जताते हुए कुछ पर्यटकों ने मोबाइल की अनुमति देने की मांग की। वहीं आगामी थर्टी फस्ट व न्यू ईयर के मद्देनजर ताड़ोबा हाऊसफुल है। इस संबंध में ताड़ोबा के संचालक जीतेंद्र रामगांवकर से संपर्क करने की कोशिश की गई, परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाने के चलते संपर्क नहीं हो पाया।
वन्यजीवों के क्षेत्र में बढ़ा मानवीय हस्तक्षेप : दानवे
जंगल सफारी के लिए ताड़ोबा में आए विधान परिषद के विपक्ष नेता अंबादास दानवे ने प्रसार माध्यमों से कहा कि, दुनिया में टाइगर सफारी के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में से एक ताड़ोबा है किंतु यहां आते ही ध्यान में आया कि, वन्यजीवों के क्षेत्र में मानवी हस्तक्षेप अधिक है। बाघ समेत वन्यजीवों का संरक्षण करने की जरूरत है। मानवी जीवन का हस्तक्षेप बढ़ा तो वन्यजीवों का प्रमाण कम हो सकता है। मानवी हस्तक्षेप कम करने के लिए कड़े नियमों पर अमल होना चाहिए। पर्यटन के नाम पर प्रदर्शन करते हैं, वह बंद होने की जरूरत है। कुछ लोगों को देखने से अधिक फोटो, वीडियो में इन्ट्रेस अधिक होता है। मुझे ऐसा लगता है कि, वर्तमान स्थिति में इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण स्थान मानकर इसका जतन तीव्रता से करने की जरूरत है।