पेंच और कन्हान में 10 जून तक का पानी शेष, बूंद-बंद पानी बचाना जरूरी
पेंच और कन्हान में 10 जून तक का पानी शेष, बूंद-बंद पानी बचाना जरूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य के कई जिलों में जलसंकट गहराया हुआ है। पानी समस्या को लेकर यदि समय पर उचित उपाय योजना नहीं की गई तो नागपुर में भी ऐसी ही स्थिति निर्मित हो सकती है। जलसंकट को लेकर मनपा अधिकारी-पदाधिकारियों ने पेंच प्रकल्प और कन्हान नदी का दौरा किया। जहां दोनों ही प्रकल्पों में सामने आया कि, शहर के लिए सिर्फ 44.439 दस लाख घनमीटर पानी बचा है, जबकि प्रतिदिन 1.30 दस लाख घनमीटर पानी की सप्लाई शहर में की जाती है। ऐसे में सिर्फ एक माह का पानी शेष बचा है। महापौर नंदा जिचकार ने शहरवासियों से अपील की है कि, पानी की एक बूंद भी बर्बाद न होने दें।
बारिश पर निर्भर
पेंच और कन्हान नदी में सिर्फ 10 जून तक का ही पानी शेष बचा है इसे लेकर महापौर नंदा जिचकार ने सबसे पहले नवेगांव खैरी स्थित पेंच प्रकल्प का दौरा किया। इसके बाद वह तोतलाडोह प्रकल्प का निरीक्षण करने पहुंची। इसके बाद वह कामठी के पास कन्हान नदी पर कन्हान जलापूर्ति केन्द्र पर पहुंची। दोनों प्रकल्प के दौरे के बाद अधिकारियों ने बताया कि, दोनों प्रकल्प के जमा पानी को मिलाकर सिर्फ एक माह का पानी शेष बचा हुआ है, इस वजह से 10 जून तक ही शहरवासियों को पानी उपलब्ध हो सकेगा। इसी दौरान बारिश आने की संभावना है, लेकिन यदि बारिश नहीं हुई तो परिस्थिति गंभीर हो सकती है। इस पर जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके ने कहा कि पानी की समस्या गंभीर है इसके लिए अधिकारी तत्काल काम करें।
ठोस निर्णय लिए जाएं
महापौर ने कहा कि, भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके िलए अभी से कुछ ठोस निर्णय लिए जाएं। इस अवसर पर महापौर जिचकार के अलावा उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे, विपक्ष नेता तानाजी वनवे, जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके, नगरसेवक भगवान मेंढे, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, जलप्रदाय विभाग की कार्यकारी अभियंता श्वेता बनर्जी, कार्यकारी अभियंता अनिरुद्ध चौगंजकर, मनोज गणवीर, उपअभियंता राजेश दुफारे, आदि उपस्थित थे।
पानी चोरी पर नकेल जरूरी
पानी समस्या की गंभीरता को ध्यान में रखकर महापौर जिचकार ने मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर के साथ दौरे में शामिल अधिकारी-पदाधिकारियों के साथ बैठक ली। इसमें महापौर ने कहा कि, जो पानी 10 जून तक है, उसका नियोजन कर 30 जून तक चलाएं। पानी की चोरी पर नकेल कसें और नगरसेवकों के माध्यम से पानी बचाव के लिए जनजागरूकता करें। भविष्य में पानी की समस्या न हो इस विषय को ध्यान में रखकर जलप्रदाय विभाग प्रस्ताव तैयार करे।