यहां कार्यकर्ताओं के मजे , तीतर-बटेर की पार्टी का किया इंतजाम
यहां कार्यकर्ताओं के मजे , तीतर-बटेर की पार्टी का किया इंतजाम
डिजिटल डेस्क,वाडियापानी (खरगोन)। खरगोन और बड़वानी परिसर के जंगलों में रहने वाले मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने वाले खास कार्यकर्ताओं के लिए तीतर-बटेर की पार्टी का इंतजाम किया गया है। यहां महाराष्ट्र और गुजरात (दमन) से शराब भी पहुंच सकती है। इसके लिए विगत एक माह से तैयारियां चल रही थी। कड़कनाथ मुर्गियों के चूजों के साथ तीतर और बटेर को देहात में पहुंचाने का इंतजाम किया गया है। यह महफिल चुनाव प्रचार समाप्त होने की रात तक सजेगी और मतदाताओं की सूची भी बनेगी।
वोटरों को मतदान केन्द्र तक लाने करनी होगी जद्दोजहद
नर्मदातट पर फैले निमाड़क्षेत्र के बहुसंख्य मतदाता आज भी मुख्य शहरों से दूर छोटे कस्बों में रहते हैं। जिन्हें चुनाव के दौरान मतदान केंद्र तक लाना टेढ़ी खीर है। इसलिए कार्यकर्ताओं को चुस्त और फुर्तीला बनाने के लिए जंगलों के पक्षियों का सहारा लिया जा रहा है। इस बार चुनाव में करो या मरो की स्थिति आने के कारण तीतर और बटेर का उपयोग किया जा रहा है। कुछ इलाकों में गुजरात के रास्ते दमण से आई हुई शराब पहुंच गई है। इसमें कई नामी ब्रांड शामिल है। कार्यकर्ताओं को उसकी जिम्मेदारी के अनुसार ब्रांड का वितरण किया जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए महाराष्ट्र और एमपी पुलिस संयुक्त अभियान चलाएगी।
ओरिजनल और डुप्लीकेट
सूत्रों ने बताया कि तीतर और बटेर अलग-अलग हैं। ओरिजनल तितर (पारधीवाला) 400 में बिकता है। 150 रुपए में भी मिलता है। इसके अलाव बटेर डुप्लीकेट भी उपलब्ध है। जिसे हम हैचरी कहते है। बकायदा उसकी पैदावार फार्म होती है। जो वर्तमान में बंद है। दोनों पक्षियों के दामों में समय-समय पर बदलाव होता है। बटेर (हैचरी) हैदरबाद और आंध्रा से मिलता है। जबकी तीतर (पारधीवाला) जंगलों से दस-बीस पकड़कर चोरी छिपे संबंधित जगह पर पहुंचाया जाता है।
बलि नहीं चढ़ेगी
जंगल में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खबरियों को सर्तक किया गया है। वह, हमेशा कार्यरत होते है। किसी भी संरक्षित पशु की बली नहीं चढ़ेगी इसके लिए सावधानी बरती जाएगी। अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। -एमएन त्रिवेदी, डीएफओ, वनविभाग, खरगोन
पुलिस करेगी कार्रवाई
महाराष्ट्र से शराब आने की संभावना होती है। गुजरात से कोई इनपुट नहीं है। इसलिए महाराष्ट्र और एमपी पुलिस संयुक्त रूप से कार्रवाई करेगी। शिरपूर पुलिस अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। रविवार रात से हर चप्पे पर जांच शुरू होगी। संरक्षित पशुओं को सीमा से अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। -डी. कल्याण चक्रबर्ती, पुलिस अधीक्षक, खरगोन