राजधानी भोपाल की पंचायतों पर होगा महिलाओं का दबदबा, इंदौर ग्वालियर में दलित महिला करेंगी राज, खुलने वाला है आधी आबादी का पूरा खाता

पंचायत चुनाव-2022 राजधानी भोपाल की पंचायतों पर होगा महिलाओं का दबदबा, इंदौर ग्वालियर में दलित महिला करेंगी राज, खुलने वाला है आधी आबादी का पूरा खाता

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-31 14:07 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पंचायत चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश के 52 जिलों में ओबीसी आरक्षण का काम पूरा हो चुका है। सरकार ने अगले साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए हर वर्ग के लोगों को पंचायत चुनाव में भाग लेने का अवसर दिया है। सूबे की राजधानी भोपाल में तो महिलाओं को ही मौका दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी बताना चाहती है कि वह महिला सशक्तिकरण को लेकर काफी गंभीर है। सूबे में 52 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर सिर्फ 4 फीसदी ही ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।

यानी कुल मिलाकर ओबीसी वर्ग को सात फीसदी ही आरक्षण मिल पाया है। जबकि 35 फीसदी तक आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई थी। पिछली बार हुए पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित थी। यानी 13 सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी।

उस हिसाब से अबकी बार चार सीटें कम हो गई हैं। पंचायती राज्य संचनालय के निदेशक आलोक कुमार के मुताबिक, ओबीसी का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशों को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने बताया कि एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50% से अधिक न हो। इस बात को ध्यान में रखते हुए ओबीसी के लिए 4 सीटें आरक्षित की गई हैं।

भोपाल में होंगी महिला जिला पंचायत अध्यक्ष

भोपाल में  पहले और अब आरक्षण की स्थिति को टेबल के माध्यम से समझा जा सकता है। इससे पहले भोपाल में दो सीटे अनारक्षित थी। हालांकि अब हटाकर उन्हें एससी महिला और ओबीसी महिला कर दिया गया है।

इस बार भोपाल में महिला ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनेंगी। मप्र के 52 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ हो चुकी है। आरक्षित सीटों के हिसाब से भोपाल में महिला ही चुनाव लड़ सकेंगी। जबकि इंदौर, ग्वालियर में सीट SC महिला के लिए आरक्षित हुई है। 26 जिले अनारक्षित किए गए हैं। इनमें CM शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला सीहोर भी शामिल है। बीजेपी इंदौर और ग्वालियर सीट पर एससी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित कर बड़ा गेम खेला है और अगले साल आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नींव मजबूत करने का काम किया है। 


8 पंचायतें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित 

गौरतलब है कि मप्र के 52 जिलों में से अनुसूचित जाति के लिए 8, जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए 14 सीटें आरक्षित हैं। ओबीसी के लिए सिर्फ 4 सीटें आरक्षित की गई हैं। कुल मिलाकर 7.69 फीसदी  है, यह पिछली बार से आधी ही हैं। इसके लिए 18 सीटों में से पर्ची निकाली गई।

जनसंख्या समेत पिछले रिजर्वेशन को आधार बताते हुए आरक्षण की कार्रवाई की गई। 4 में से 2 महिलाओं के लिए सीट आरक्षित की गई है। 8 जिला पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं। इनमें इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास शामिल हैं। इंदौर, ग्वालियर, रतलाम और देवास SC महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

 

जबलपुर

अनारक्षित (महिला)

ST

झाबुआ

ST

ST (महिला)

खंडवा

SC (महिला)

SC

कटनी

 अनारक्षित

SC

खरगोन

 ST (महिला)

अनारक्षित

मुरैना

अनारक्षित

अनारक्षित (महिला)

मंदसौर

अनारक्षित

OBC (महिला)

मंडला

ST (महिला)

ST

नीमच

अनारक्षित (महिला)

अनारक्षित

नरसिंहपुर

 अनारक्षित

ST (महिला)

निवाड़ी

 नया जिला

अनारक्षित (महिला)

पन्ना

 अनारक्षित

अनारक्षित (महिला)

रीवा

सामान्य (अनारक्षित)

ST (महिला)

रतलाम

ST

SC (महिला)

रायसेन

 अनारक्षित (महिला)

अनारक्षित

राजगढ़

OBC (महिला)

अनारक्षित

सागर

अनारक्षित (महिला)

अनारक्षित

सिवनी

अनारक्षित (महिला)

SC

सतना

 OBC (महिला)

ST

शहडोल

 ST

अनारक्षित (महिला)

श्योपुर

 अनारक्षित

ST (महिला)

सिंगरौली

 अनारक्षित

ST (महिला)

सीधी

 अनारक्षित

अनारक्षित (महिला)

शाजापुर

SC (महिला)

OBC

सीहोर

SC (महिला)

अनारक्षित

शिवपुरी

OBC (महिला)

अनारक्षित

टीकमगढ़

SC (महिला)

अनारक्षित (महिला)

उज्जैन

ST

अनारक्षित (महिला)

उमरिया

ST

अनारक्षित (महिला)

विदिशा

अनारक्षित

अनारक्षित (महिला)

     


 

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