धान खरीदी केंद्र बंद, किसान संकट में

गड़चिरोली धान खरीदी केंद्र बंद, किसान संकट में

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-08 13:07 GMT
धान खरीदी केंद्र बंद, किसान संकट में

डिजिटल डेस्क, आरमोरी (गड़चिरोली)।   किसानों  को समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए सरकार ने मार्केटिंग फेडरेशन अंतर्गत आरमोरी के खरीदी-बिक्री संघ की ओर से तहसील में धान खरीदी केंद्र शुरू किये हैं। लेकिन तहसील के पलसगांव केंद्र संचालकों ने गोदाम उपलब्ध नहीं होने का कारण बताकर पांच दिन पूर्व केंद्र में खरीदी की प्रक्रिया बंद कर दी है। इस कारण ट्रैक्टर की मदद से इस केंद्र में अपने धान की बिक्री करने पहुंच रहे किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धान खरीदी केंद्र तत्काल शुरू न करने पर किसानों और धान से लदे ट्रैक्टर के साथ तहसील कार्यालय पर आंदोलन करने की चेतावनी कांग्रेस के आदिवासी सेल के जिला सचिव दिलीप घोडाम ने दी है।  मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से तहसील में आरमोरी, वैरागढ़, वड़धा और पलसगांव में खरीदी केंद्र शुरू किये गये हैं। आरमोरी के खरीदी-बिक्री संघ में तहसील के तकरीबन 5 हजार किसानों ने ऑनलाइन तरीके से अपने सात-बारा प्रमाणपत्र का पंजीयन कराया है। वर्तमान में क्षेत्र के 1 हजार 400 किसानों ने अपने धान की बिक्री केंद्रों में की है। जिसमें वैरागढ़ के केंद्र पर 8 हजार 120 क्विंटल,  वड़धा में 12 हजार 500 क्विंटल और आरमोरी के केंद्र पर अब तक 28 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो पायी है। वर्तमान में तहसील के 3 हजार 500 से अधिक किसानों से धान की खरीदी नहीं हो पायी है। मात्र ऐसी स्थिति में ही पलसगांव केंद्र संचालकों द्वारा गोदाम उपलब्ध नहीं होने का कारण बताकर केंद्र को बंद कर दिया गया है। पलसगांव के केंद्र में क्षेत्र के पाथरगोटा, जोगीसाखरा, शंकरनगर, सालमारा, रामपुर समेत पलसगांव के किसानों से धान की खरीदी की जाती है। इस केंद्र पर धान की बिक्री के लिए किसानों ने ट्रैक्टर की मदद से अपना धान केंद्र में पहुंचाया है। लेकिन पांच दिनों से यह केंद्र बंद होने के कारण किसानों को प्रति दिन के लिए 1 हजार रुपए का किराया ट्रैक्टर मालिकों को चुकाना पड़ रहा है। इस बात की सूचना मिलते ही कांग्रेस के आदिवासी सेल के जिला सचिव दिलीप घोडाम ने पाथरगोटा के किसानों को भेंट देकर किसानों का हाल जाना। किसानों के धान की खरीदी तत्काल न करने पर तहसील कार्यालय पर आंदोलन करने की चेतावनी भी घोडाम ने दी है। इस समय जगन पत्रे, नामदेव कराकर, श्रीकृष्ण पत्रे, प्रदीप सडमाके, सुनील कुमरे, दिलीप खरकाटे, राधेशाम प्रधान, श्रीराम अलोणे आदि किसान उपस्थित थे। 

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