मैदान में तब्दील हो गए लहलहाते धान के खेत 

हाथियों ने एक ही रात में 11 किसानों की उजाड़ दी फसलें  मैदान में तब्दील हो गए लहलहाते धान के खेत 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-20 10:09 GMT
मैदान में तब्दील हो गए लहलहाते धान के खेत 

डिजिटल डेस्क, कुरखेड़ा (गड़चिरोली) । ओड़िसा राज्य से गड़चिरोली जिले में दाखिल हुए जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले पिटेसुर गांव परिसर से सटे खेतों में हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। पिटेसुर गांव के कुल 11 किसानों के खेतों में प्रवेश कर हाथियों ने लहलहाती धान की फसल को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। कुछ किसानों के खेत मैदान में भी तब्दील हो गये हंै, जिससे किसानों को धान कटाई के दौर में नुकसान के मंजर का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की हालत को देखते हुए वनविभाग ने युद्धस्तर पर नुकसान पंचनामा का कार्य शुरू कर दिया है। पिछले पांच दिनों से जंगली हाथियों के झुंड ने तहसील के पिटेसुर, सिंदेसुर और चारभट्टी क्षेत्र को अपना लक्ष्य बनाया है। मंगलवार की रात एकसाथ 35 की संख्या में पहुंचे जंगली हाथियों के झुंड ने पिटेसुर गांव से सटे खेतों में  प्रवेश किया।

 धान की फसल अब पूरी तरह तैयार होने से हाथियों ने खेतों में जमकर उत्पात मचाया। कुल 11 किसानों के खेतों की फसल को हाथियों ने नष्ट कर दिया है। कुछ किसानों ने अपने खेतों में फसलों की कटाई की थी। यह फसल भी हाथियों के पैरों में आने से पूरी तरह बर्बाद हो गयी है। पिटेसुर निवासी तुकाराम कोरचा, धनिराम कमरो, टोलाराम पालीवार, ढेमाजी नरोटी, भैय्यालाल हारामी आदि समेत अन्य किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट होने की जानकारी मिली है। बुधवार को जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जीवन नाट, जिप के पूर्व सदस्य प्रभाकर तुलावी, चारभट्टी ग्रापं के उपसरपंच सुरेश कवडो, ग्रापं सदस्य वासुदेव कमरो, शामराव गोटा, प्रकाश कुमरे, गणेश नैताम, रामनाथ नैताम, वासुदेव निंबेकार, भाऊराव तिरगम, रमेश सरदारे आदि ने नुकसानग्रस्त किसानों के खेतों में पहुंचकर किसानों को तत्काल वित्तीय मदद देने की मांग की है। बुधवार को दिन भर वनविभाग की टीम नुकसानग्रस्त किसानों के खेतों में पहुंचकर पंचनामा का कार्य करते रहीं। 
 
दिन में गोंदिया और रात में गड़चिरोली जिले में उत्पात मचा रहे हैंं जंगली हाथी 
कुरखेड़ा वन परिक्षेत्र के पिटेसुर, सिंदेसुर और चारभट्टी गांव गोंदिया िजले की सीमा से सटे हुए हंै। दिन भर जंगली हाथी गोंदिया जिले के वनक्षेत्र में प्रवेश कर आराम फरमा रहे हंै। वहीं रात होते ही हाथियों का झुंड गड़चिरोली जिले में प्रवेश कर रहा है। पिटेसुर क्षेत्र में वर्तमान में धान की फसल बड़े पैमाने पर है। हाथियों के लिए यहां पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध होने से हाथियों ने इसी क्षेत्र को अपना लक्ष्य बनाया है। लेकिन हाथियों के उत्पात के कारण किसानों को लगातार नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। 
 

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