दो माह बीते पर नहीं मिली धान की बकाया राशि
धान खरीदी योजना ने बढ़ाया सिरदर्द दो माह बीते पर नहीं मिली धान की बकाया राशि
डिजिटल डेस्क, आरमोरी (गड़चिरोली)। राज्य सरकार ने अन्नदाता किसानों के उत्पादन को समर्थन मूल्य दिलाने के उद्देश्य को लेकर एकाधिकार धान खरीदी योजना के माध्यम से खरीदी केंद्र आरंभ किए हैं, लेकिन तहसील के किसानों के लिए सरकार की यह योजना पूरी तरह सिरदर्द बनी हुई है। 2 माह पूर्व धान की बिक्री करने के बाद भी अब तक किसानों को धान खरीदी की राशि नहीं मिल पाई है। पहले ही नुकसान का सामना कर रहे किसानों को अब अपने ही पैसे के लिए खरीदी केंद्र के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
सरकार की इस नीति के कारण वर्तमान में किसानों में तीव्र असंतोष व्यक्त है। आरमोरी तहसील में आदिवासी विविध कार्यकारी सहकारी संस्था और खरीदी-बिक्री सहकारी संस्था मार्केटिंग फेडरेशन के तहत धान खरीदी प्रक्रिया आरंभ की गई है। मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से तहसील के आरमोरी, वड़धा और वैरागढ़ गांव में खरीदी प्रक्रिया शुरू की गई। आरमोरी केंद्र में अब तक 4 हजार 108 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। जिनमें से 1 हजार 961 किसानों ने अपनी धान की बिक्री इस केंद्र में की। उधर वड़धा केंद्र में पंजीकृत 1 हजार 638 किसानों में से 773 किसानों ने अपने धान की बिक्री की। वहीं वैरागढ़ केंद्र में 1 हजार 508 किसानों ने ऑनलाइन तरीके से अपना पंजीयन करवाया। जिनमें से 379 किसानों ने धान की बिक्री की।
तीनों धान खरीदी केंद्र दिसंबर माह से आरंभ किए गए, लेकिन 24 दिसंबर के पूर्व अपने धान की बिक्री करने वाले कुछ चुनिंदा किसानों को ही धान की राशि मिल पाई है। 24 दिसंबर के बाद धान की बिक्री करने वाले किसान आज भी पैसों के इंतजार में हैं। तहसील के करीब 90 प्रतिशत किसानों को अब तक धान का बकाया नहीं मिल पाया है। फलस्वरूप किसानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में गड़चिरोली जिला कांग्रेस कमेटी के आदिवासी विभाग के सचिव दिलीप घोडाम ने शुक्रवार को आरमोरी केंद्र को भेंट देकर बकाया तत्काल जारी करने की मांग की। ऐसा न करने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी उन्होंने राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को भिजवाए ज्ञापन में दी है।