हाउसिंग सोसायटी के भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा 15 वर्षों के बाद भारत हाउसिंग सोसायटी के निर्वाचन के आदेश जारी, नवीन नगर गृह निर्माण संस्था के संचालक मण्डल के विरूद्ध एफआईआर दर्ज!

हाउसिंग सोसायटी के भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा 15 वर्षों के बाद भारत हाउसिंग सोसायटी के निर्वाचन के आदेश जारी, नवीन नगर गृह निर्माण संस्था के संचालक मण्डल के विरूद्ध एफआईआर दर्ज!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-04 09:23 GMT

डिजिटल डेस्क | उज्जैन कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देश पर भूमाफियाओं पर निरन्तर शिकंजा कसा जा रहा है। विभिन्न हाउसिंग सहकारी समितियों के संचालक मण्डल द्वारा की गई कारगुजारियों के कारण संस्था के कई सदस्य भूखण्ड से वंचित हैं और कई लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है। इन सभी की जांच कलेक्टर के निर्देश पर उपायुक्त सहकारिता द्वारा की जा रही है। पिछले 15 वर्षों से भारत हाउसिंग सोसायटी के सदस्यगण सोसायटी के निर्वाचन के लिये यहां-वहां कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे, किन्तु इस संस्था के निर्वाचन नहीं हो पाये थे।

कलेक्टर ने इस सम्बन्ध में पहल कर सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन आयुक्त से चर्चा कर भारत हाउसिंग सोसायटी के निर्वाचन कराने के आदेश जारी करवा दिये हैं। इसी तरह नवीन नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताओं व गैर-सदस्यों को बाले-बाले जमीन बेचने के मामले में तत्कालीन संचालक मण्डल के विरूद्ध माधव नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उपायुक्त सहकारिता श्री ओपी गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर की पहल पर भारत हाउसिंग कॉपरेटिव सोसायटी उज्जैन के निर्वाचन की प्रक्रिया 15 साल बाद प्रारम्भ हो गई है। निर्वाचन नहीं होने से उक्त सोसायटी के सदस्यों की भूखण्ड पंजीयन से सम्बन्धित शिकायतों का निराकरण एवं कॉलोनी का विकास कार्य विगत कई वर्षों से नहीं हो पा रहा था। इसके लिये निर्वाचन आवश्यक हो गया था।

प्रथम चरण के निर्वाचन की प्रक्रिया सदस्यता सूची के प्रकाशन के साथ 5 मार्च से प्रारम्भ होकर 12 मार्च तक दावा-आपत्ति आमंत्रित किये जायेंगे। निर्वाचन के पश्चात संचालक मण्डल द्वारा कॉलोनी के विकास एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही की जाकर शिकायतों का निराकरण संभव हो सकेगा। नवीन नगर गृह निर्माण संस्था के विरूद्ध गैर-सदस्यों को कलेक्टर द्वारा निर्धारित गाईड लाइन से कम मूल्य पर संस्था के भूखण्डों को विक्रय करने के कारण तथा गबन, हेराफेरी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। उल्लेखनीय है कि संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष और संचालकों द्वारा वर्ष 2007-08 में संस्था की भूमि सर्वे क्रमांक 81/2/2 रकबा 0.470 हेक्टेयर तथा सर्वे क्रमांक 81/3 का रकबा 0.504 हेक्टेयर विगत 31 मार्च 2008 को विक्रय पत्र से कतिपय व्यक्तियों को मात्र 15 लाख 30 हजार रुपये में विक्रय कर दी गई, जबकि कलेक्टर गाईड लाइन अनुसार उक्त भूमि की कीमत 30 लाख 30 हजार रुपये होती है। इसी तरह संस्था की कुछ भूमि 22 लाख 83 हजार रुपये में विक्रय की गई, किन्तु विक्रय की राशि संस्था के वित्तीय पत्रकों में नहीं दिखाई गई।

वर्ष 2011-12 में संस्था के संचालकों द्वारा कलेक्टर गाईड लाइन से कम दर पर जमीन का विक्रय करते हुए 83 लाख 49 हजार रुपये की हानि संस्था को पहुंचाई गई। उक्त भूमियों को मप्र सहकारी सोसायटी अधिनियम-1960 की धारा-72डी के अन्तर्गत पंजीयक सहकारी संस्थाओं की अनुमति से विक्रय करना थी, किन्तु भूमि का विक्रय बिना अनुमति के किया गया। विक्रय पत्रों के सम्पादन के समय तत्कालीन अध्यक्ष श्री मोहम्मद हुसैन, उपाध्यक्ष श्री नवीन कुमार, संचालकगण श्री हरदीप, श्री बद्रीलाल, श्री रामसिंह, श्रीमती शारदाबाई, श्रीमती फरीदाबाई, श्री हजारी, श्री हजारीलाल, श्री दयाराम व श्री भेरूलाल के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है।

Tags:    

Similar News