गुजरात विधानसभा चुनाव में कसौटी पर है विपक्षी एकता
सियासी घमासान गुजरात विधानसभा चुनाव में कसौटी पर है विपक्षी एकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । गुजरात में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। लगभग ढाई दशक से गुजरात में सरकार चला रही भाजपा फिर से सत्ता में वापसी को लेकर आशान्वित है, तो वहीं विपक्षी एकता यहां कसौटी पर है। गुजरात के चुनावी रण में अब तक कांग्रेस, राकांपा और भारतीय ट्राईबल पार्टी ही मुख्य विपक्षी दल के रूप में रही हैं, लेकिन इस बार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) भी पूरे दमखम के साथ मैंदान में है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम भी 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुकी है।
गुजरात में भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने को लेकर कांग्रेस की तरफ से अब तक कोई खास पहल नहीं हुई है, लेकिन राकांपा सुप्रीमों शरद पवार और पार्टी उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल गुजरात में विपक्षी एकता की ताकत दिखाने के पक्ष में हैं। सूत्र बताते हैं कि गुजरात में भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने को लेकर राकांपा की अनौपचारिक रूप से कुछ दलों से बातचीत हुई है। राकांपा के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक प्रो नवीन कुमार ने कहा कि शरद पवार हमेशा से विपक्षी एकता के हिमायती रहे हैं। हमारी कोशिश है कि इस बार गुजरात में भाजपा विरोधी वोटों का बंटवारा न हो। उन्होंने कहा कि गुजरात में गठबंधन में चुनाव लड़ा जाएगा, बशर्ते कि सीटों को लेकर सम्मानजनक समझौता हो। गुजरात चुनाव की घोषणा में देरी के लिए चुनाव आयोग द्वारा मोरबी हादसे को जिम्मेदार बताने को प्रो कुमार ने हास्यास्पद बताया है। बता दें कि गुजरात विधानसभा में फिलहाल राकांपा का एक विधायक है।
विपक्षी एकता मंे रोड़ा बनेंगे केजरीवाल
गुजरात में विपक्षी एकता की कोशिशों पर केजरीवाल पलीता लगा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक विपक्षी छतरी के नीचे आप को लाने की कवायद में आप की बढ़ती महत्वाकांक्षा बाधक बन सकती है। यदि आप का रवैया नकारात्मक रहा, तो कांग्रेस उसे भाजपा की ‘बी टीम’ साबित करने की पूरी कोशिश करेगी, जैसे उत्तरप्रदेश में बसपा के साथ हुआ था। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा कहते हैं कि आप पहले से भाजपा से मिली हुई है।