बरगी डायवर्सन परियोजना : 10 वर्ष में बना पाए सिर्फ 33 सौ मीटर सुरंग - खर्च हो गए 330 करोड़
बरगी डायवर्सन परियोजना : 10 वर्ष में बना पाए सिर्फ 33 सौ मीटर सुरंग - खर्च हो गए 330 करोड़
डिजिटल डेस्क सतना। नर्मदाघाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडी) की बरगी दायीं तट व्यपवर्तन परियोजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद से खिरहनी के बीच प्रस्तावित 12 किलोमीटर लंबी टनल (सुरंग) 10 वर्ष बाद भी महज 33 सौ मीटर ही बन पाई है। यानि अप स्ट्रीम पर 1800 मीटर और डाउन स्ट्रीम पर 2500 मीटर सुरंग बनाने में 330 करोड़ का भारी भरकम बजट खर्च हो चुका है। 799 करोड़ की शुरुआती लागत का ये प्रोजेक्ट वर्ष 2008 में असर में आया था। तब टाइम लिमिट वर्ष 2011 रखी गई थी।
मगर, अंधेरगर्दी की स्थिति ये रही कि कार्य अवधि की पूर्णता के बाद यानि वर्ष 2011 में 2 टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) काम पर लगाई गईं। एक और एक्सटेंशन के साथ वर्ष 2018 तक कार्य की पूर्णता का नए सिरे से लक्ष्य रखा गया। मगर, काम में लगते ही एक टीबीएम फेल हो गई। एक अन्य टीबीएम भी सवा माह से खराब पड़ी है।
बढ़ा 111 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ :-
समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण अकेले टनल की निर्माण लागत में 111 करोड़ का इजाफा हो चुका है। इतना ही नहीं कार्य की समयावधि एक बार फिर से बढ़ाकर मार्च 2021 रख दी गई है। माना जा रहा है कि अगर नई टाइम लिमिट के हिसाब से सुरंग निर्माण का लक्ष्य पूरा करना है तो हर माह टनल की 300 मीटर खुदाई करनी होगी।
3 साल से अधर में है फ्लाई ओवर
शहर के अंदर नेशनल हाइवे-75 पर फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य 3 साल से अधर में है। जनवरी 2016 में गुडग़ांव की स्काई लॉर्क इन्फ्रा को वर्क ऑर्डर मिला था। तब कार्य की पूर्णता अवधि 28 माह रखी गई थी। एक के बाद एक तीन एक्सटेंशन दिए जाने के बाद भी यहां फ्लाई ओवर अभी भी हवा में झूल रहा है।
ये दीगर बात है कि 36 करोड़ 91 लाख की शुरुआती लागत के इस निर्माण कार्य के एवज में ठेका कंपनी को लगभग 30 करोड़ के भुगतान भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं अब इस काम को पूरा करने के लिए 13 करोड़ के अतिरिक्त व्यय का भी अनुमान है। असल में व्यस्ततम सेमरिया चौक में 50 मीटर की स्टील फ्रेमिंग पर ये बजट खर्च होना है। ये अतिरिक्त कार्य डीपीआर में शामिल नहीं था।