एक तो बेटियोंं का जन्म, ऊपर से काला रंग, तानों से तंग आकर बेटियों के साथ दे दी जान
सुसाइड एक तो बेटियोंं का जन्म, ऊपर से काला रंग, तानों से तंग आकर बेटियों के साथ दे दी जान
डिजिटल डेस्क, भंडारा। भले ही वर्तमान युग में बेटे और बेटियों में कोई फर्क नहीं रहा, ऐसा कहा जाता हो लेकिन आज भी ग्रामीण अंचल बेटियों के प्रति दोहरी मानसिकता का प्रभाव कम नहीं हुआ है। इसी दकियानूसी विचारधारा ने एक महिला को अपनी दो नन्हीं बच्चियों के साथ वैनगंगा में कूदकर जान देने पर विवश कर दिया। बेटियों को जन्म देने और उनका रंग काला होने की बात को लेकर पति के बात-बात पर मिलनेवाले उलाहनों ने महिला को इस कदर त्रस्त कर दिया कि वह आत्मघाती कदम उठाने पर विवश हो गई। यह घटना भंडारा तहसील के कारधा थानांतर्गत आनेवाले ग्राम तिड्डी में 15 अक्टूबर को प्रकाश में आई। जहां मछुआरों को एक महिला और दो बच्चियों के शव वैनगंगा नदी में दिखाई दिए थे। जिसकी जानकारी कारधा पुलिस को दी गई। पश्चात पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर घटना का पंचनामा कर तीनों के शव बरामद किए। मृतकों की पहचान ग्राम तिड्डी निवासी दिपाली शीतल खंगार (27) व उसकी दो बेटियां साढ़े तीन वर्ष की कु. देवांशी व डेढ़ वर्ष कु.वेदांशी के तौर पर हुई। इस घटना को लेकर ग्राम धुसाला निवासी दिलीप चांगो मारबते(28) की शिकायत पर कारधा पुलिस ने मृत महिला के आरोपी पति शीतल बालकृष्ण खंगार (32) के खिलाफ भादंवि की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है। इस मामले की दर्ज शिकायत के मुताबिक आरोपी शीतल खंगार यह अपनी पत्नी दिपाली को बेटियांे को जन्म देने तथा दोनों का रंग काला होने को लेकर शारीरिक एवं मानिसिक रूप से प्रताड़ित करता था। लगातार प्रताड़ना से त्रस्त होकर शुक्रवार रात्रि वह अपनी दोनों बेटियों को साथ लेकर घर से बाहर निकली थी। इस बीच उसने अपनी दोनों बेटियों के साथ वैनगंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली।