दो बाघों के संघर्ष में एक की मौत!
उत्पात मचाने वाली बाघिन पिंजरे में कैद दो बाघों के संघर्ष में एक की मौत!
डिजिटल डेस्क, अहेरी (गड़चिरोली)। आलापल्ली वनविभाग अंतर्गत आलापल्ली वनपरिक्षेत्र के नेंडर कक्ष क्रमांक 12 में रविवार, 13 फरवरी को दो बाघों की लड़ाई में एक की मृत्यु हो गई। मृत बाघ की उम्र डेढ़ वर्ष होकर वह नर होने की जानकारी वनविभाग ने दी है। बता दें कि, आलापल्ली वनविभाग जंगल से व्याप्त होकर यहां बाघों का अस्तित्व है। इस जंगल में बाघ समेत अन्य प्राणी देखने को मिलते हंै। जंगल मंे बाघ का अपना अलग क्षेत्र हाेता है। एक ही क्षेत्र में दो बाघों का विचरण होने पर बाघ अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई बार एक-दूसरे से भिड़ जाते हैंै। ऐसी ही एक घटना रविवार की सुबह नेंडर जंगल क्षेत्र में उजागर हुई है। दो बाघों की भिड़ंत में डेढ़ वर्ष के एक बाघ की मृत्यु हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल को भेंट देकर जायजा लिया। इस समय पशुवैद्यकीय अधिकारी द्वारा बाघ का पोस्टमार्टम करवाया गया। इसकी रिपोर्ट आने के बाद भी बाघ की मृत्यु का कारण का पता चल पाएगा। वहीं दूसरी ओर नेंडर कक्ष क्रमांक 12 में लगाए गए ट्रैप कैमरे की मदद से भी बाघ की मृत्यु का कारण पता लगाने में वनविभाग जुट गया है। मृत बाघ नर है। बता दें कि, गत माह आलापल्ली वनपरिक्षेत्र अंतर्गत मौसम जंगल क्षेत्र में एक बाघिन का शिकार किया गया था। लगातार हो रही बाघों की मृत्यु के कारण अब वनविभाग भी एक्शन मोड में आ गया है। इस मामले की जांच वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश येरेकर और उनकी टीम कर रही है।
बाघिन को पकड़ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
ताड़ोबा परिसर में उत्पात मचानेवाली बाघिन को पिंजरे मंे कैद करने में वनविभाग को सफलता मिली है। ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प चंद्रपुर के वन विभाग अंतर्गत मोहुर्ली परिक्षेत्र के मुधोली क्षेत्र के कोंडेगांव के पास टी24- सी2 इस बाघिन ने हाल ही में गाय का शिकार किया था। गाय का कंकाल गांव के खेत परिसर में मिला, जिससे गांव में बाघ की दहशत फैली हुई थी। पिछले माह भर में इसी बाघिन ने सीतारामपेठ निवासी नमो संबा धांडे (57) पर हमला कर नमो को अपना शिकार बनाया। उसी तरह दो चरवाह पर हमला कर बाघिन ने दाेनों को घायल किया था और गांव के समीप खेत परिसर में चर रहे मवेशियों पर हमला कर तीन-चार मवेशियों को शिकार बनाया था।
ऐसे में इस बाघिन को पकड़ने के लिए शनिवार 12 फरवरी की दोपहर 3 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। फिर शाम 5.30 बजे उस बाघिन को बेहोश कर पकड़ा गया। कार्रवाई के लिए बाघिन को टी.टी.सी. चंद्रपुर में भेज दिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन क्षेत्र संचालक डा. जीतेंद्र रामगावकर और उपसंचालक (बफर) जी. गुरुप्रसाद, पशु वैद्यकीय अधिकारी डा. पोडचलवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी आर. जी. मून, क्षेत्र सहायक ए. डी. मल्लेलवार, वनरक्षक एस. ए. मंगाम, वी. के. जनबंधू, आर. आर. टी. प्रमुख मराठे, पी. आर. टी. प्रमुख विकास तुमराम आदि ने की, ऐसी जानकारी मोहूर्ली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी आर. जी. मून ने दी है।