बलात्कार की घटनाओं को सुनते ही खून खोलने लगता है: डॉ. नूपुर धमीजा
बर्बरता बलात्कार की घटनाओं को सुनते ही खून खोलने लगता है: डॉ. नूपुर धमीजा
- नेक कार्यों की पहचान: नूपुर धमीजा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट डॉ. नूपुर धमीजा आज अपने नेक कार्यों के लिए एक जाना पहचाना नाम है। सरल स्वभाव, कोमल ह्रदय, पीड़ितों के लिए दया का भाव लिए नूपुर आज अपराधियों के लिए कानूनी काल से कम नहीं हैं।
हृदय को झकझोर देते है दुष्कर्म
पेशे के प्रति ईमानदार, न्यायपालिका में भरोसा रखने वाली नूपुर ने देश में बलात्कार पीड़ितों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है। एडवोकेट नूपुर धमीजा ने कहा कि बलात्कार की घटनाओं को सुनते ही उनका खून खोलने लगता है। आज छोटी-छोटी लड़कियों युवतियों, विवाहित महिलाओं यहां तक कि बुजुर्ग महिलाओं और बच्चियों के साथ में बलात्कार किए जा रहे हैं। इन घटनाओं ने एडवोकेट नूपुर धमीजा के हृदय को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने निर्णय लिया कि वह बलात्कार पीड़ितों की हर संभव मदद करेंगी, जिसके लिए उन्होंने अपना एनजीओ ‘नारी शक्ति एक नई पहल’ बनाया और देश के कई हिस्सों से जज, वकील, प्रशासनिक अधिकारी, पत्रकार और कई समाजसेवी संगठनों को अपने साथ जोड़ा है।
नारी शक्ति एक नई पहल
नारी शक्ति एक नई पहल संस्था की अध्यक्षा व सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट डॉ.नूपुर धमीजा जी के नेतृत्व में देशभर में संस्था की टीम पूरे ईमानदारी और लगन मेहनत से समाज हित में कार्य कर रही है। नारी शक्ति एक नई पहल संस्था एकमात्र ऐसी संस्था है जो ग्राउंड जीरो पर जाकर के कार्य करने का काम करती है उनके टीम के सभी लोग काम करते हैं इसलिए संस्था की अलग पहचान देश में ही नहीं विदेशों में भी बनी हुई। नारी शक्ति एक नई पहल फाउंडेशन की डायरेक्टर और सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता डॉ. नूपुर धमीजा को कई बडे-बडे पुरस्कार से भी उनके अच्छे कामों को लेकर सम्मानित भी किया चुका है।
ग्लोबल लेवल पर सम्मानित हो चुकी है नारी शक्ति एक नई पहल संस्था
आपको बता दें कि बीते वर्ष ग्लोबल स्तर पर बेस्ट सोशल वर्किंग के लिए 6 लोगों को चुना गया था। जिसमें भारत से केवल एडवोकट डॉ. नूपुर धमीजा को ये अवॉर्ड हासिल हुआ था। सामाजिक कार्य, महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करना, न्याय के लिए काम करना, महिलाओं के खिलाफ अपराध पर काम करने के लिए डॉ. नूपुर धमीजा के पास 4 विश्व रिकॉर्ड हैं साथ ही एडवोकेट डॉ नुपुर धमीजा (विश्व रिकॉर्ड धारक) (सामाजिक कार्यकर्ता) (ग्लोबल मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक, शिक्षक, नूपुर एलजेएलएनयू एंड एसोसिएट्स की महानिदेशक भी हैं।
चॉकलेट के बहाने 6 साल की बच्ची को बुलाकर ले गया था रेपिस्ट पड़ोसी
ग्वालियर में 6 साल की मासूम से रेप करने वाला उसका पड़ोसी ही निकला। मासूम को पड़ोसी युवक चॉकलेट के बहाने बुलाकर ले गया था, और 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। पता तब चला जब मासूम बच्ची ने रोते हुए अपनी मम्मी से बोला, मम्मी भैया बहुत गंदे हैं। उसके बाद ये मामला सामने आया , पता चला कि पड़ोस में रहने वाला आरोपी युवक चॉकलेट का लालच देकर मासूम को छत पर ले गया और वारदात को अंजाम दिया आरोपी ने किसी को बताने पर बच्ची को जान से मारने की धमकी भी दी। 1 दिन पहले हुई घटना के बारे में बच्ची ने शुक्रवार को रोते हुए अपनी मां को बताया माधवगंज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया है। जब संस्था नारी शक्ति एक नई पहल को इसके बारे में सूचना मिली तो हमारी ग्वालियर टीम ने इस पर एक्शन लेते हुए संबंधित थाना और अधिकारियों से बात की और अब इस केस पर लगातार नारी शक्ति एक नई पहल की टीम काम कर रही है और बच्ची को न्याय दिलाने तक की प्रक्रिया में परिवार के साथ खड़ी है। जिसके लिए एसपी ग्वालियर को ज्ञापन दिया गया। इस केस पर ग्वालियर टीम से दीपक शिवहरे (अमित) संपर्क अधिकारी, राहुल चौहान (मीडिया पार्टनर), राघवेंद्र, और इन्द्रप्रभान कार्य कर रहे है।
सीलमपुर में 9 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म, दिल दहलाने वाली घटना
दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र से एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है जिसमें मात्र 9 वर्षीय बच्ची जिसकी मानसिक हालत एक 2 वर्षीय बच्ची के बराबर है के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। बच्ची जब घर से बाहर खेल रही थी उसी वक्त पड़ोस में चल रही जूता फैक्ट्री में काम करने वाले एक व्यक्ति जिसका नाम साजिद और उम्र लगभग 40 से 45 वर्ष बताई जा रही है ने बच्ची को इशारे से बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची दर्द से करहाते हुए मां के पास पहुंची और किसी तरीके से मां को समझाने की कोशिश की ‘मम्मा मम्मा चोट चोट’ इस तरीके से अपनी मां को समझाने की कोशिश की जब मां ने बच्ची को देखा तब मां को समझ में आ गया कि बच्ची के साथ आखिर क्या हुआ है तुरंत थाने में सूचना दी गई और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है और बच्ची को अस्पताल इलाज के लिए अस्पताल भी पहुंचा दिया गया है जब हमारे संवाददाता परिवार से बात करने के लिए अस्पताल पहुंचे तो वहां पर महिला आयोग ने रोक कर कहा कि परिवार इस बारे में बात नहीं करना चाहता। यह किस तरीके की तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है महिला आयोग के पहरेदार खड़े कर दिए गए हैं कि परिवार स्टेटमेंट ही ना दें अब देखने वाली बात यह है कि स्वाति मालीवाल अब इस पर अपना ट्वीट देंगी या नहीं। क्या उन तक यह खबर नहीं पहुंची होगी, जहां सभी चैनल पर यह खबर आ चुकी है तो स्वाति मालीवाल ने अभी तक अपना ट्वीट क्यों नहीं किया ।
नारी शक्ति एक नयी पहल: सेवा और न्याय
दिल्ली सरकार की तुष्टीकरण की नीति को देखते हुए शायद स्वाति की उंगलियों ने काम करना बंद कर दिया होगा और शायद वो इस मुद्दे पर कुछ कहे भी ना। हम लीड दिल्ली पर लगातार इस खबर से जुड़े रहेंगे। नारियों और विशेषकर छोटी बच्चियों को न्याय दिलाने में सबसे आगे रहकर काम कर रही संस्था ‘नारी शक्ति एक नयी पहल’ जिसकी अध्यक्षा अधिवक्ता नूपुर धमीजा जी लगातार पीड़ित बच्चियों के लिए कानूनी सेवाएं तो दे रही है और न्याय भी दिला रही है।