ओबीसी आरक्षणः तेज हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
ओबीसी आरक्षणः तेज हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
डिजिटल डेस्क, मुंबई । प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के स्थानीय निकायों के राजनीतिक आरक्षण को लेकर प्रदेश भाजपा महासचिव तथा तत्कालीन ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भुजबल ने कहा कि बावनकुले ने मुझ से मुलाकात कर ओबीसी आरक्षण के लिए पूर्व की फडणवीस सरकार के 31 जुलाई 2019 के अध्यादेश को कायम रखने के लिए हस्ताक्षर नहीं करने के लिए कहा था।बावनकुले का कहना था कि अध्यादेश दोबारा जारी होने से पांच जिलों में ओबीसी का अतिरिक्त आरक्षण कम हो जाएगा। भुजबल ने कहा कि बावनकुले की मांग भी जायज थी। क्योंकि अध्यादेश में कहा गया था कि ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाएगा।
शनिवार को पुणे के लोनावला में विभिन्न संगठनों की ओर से आयोजित दो दिवसीय ओबीसी-वीजेएनटी चिंतन मंथन शिविर की शुरुआत हुई। इसमें प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य और ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष प्राचार्य बबनरावतायवाडे सहित विभिन्न संगठनों के ओबीसी नेता शामिल हुए।भुजबल ने कहा कि मुझे वकीलों ने भी फडणवीस सरकार के अध्यादेश को दोबारा जारी न करने की सलाह दी थी क्योंकि इसमें कुछ खामियां थी। भुजबल ने कहा कि यदि भाजपा सरकार का अध्यादेश सही था तो तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 1 अगस्त 2019 को नीति आयोग को पत्र लिखकर ओबीसी का डाटा क्यों मांगा था? भुजबल ने कहा कि फडणवीस के पत्र के बावजूद नीति आयोग ने ओबीसी का डाटा राज्य सरकार को नहीं दिया। भुजबल ने कहा कि विपक्ष मुझे पर आरोप लगा रहा है कि मंत्री होने के बावजूद ओबीसी आंदोलन में शामिल हो रहा हूं लेकिन जब तक सरकार को लगेगा नहीं कि ओबीसी आरक्षण की जरूरत है तब तक सरकार हिलेगी क्या?मैं सरकार में केवल अकेले नहीं हूं। सरकार के पास संदेश जाना चाहिए कि आरक्षण के लिए ओबीसी समाज एकजुट है।
इस उम्र में भी झूठ बोल रहे हैं भुजबलः बावनकुले
भुजबल के बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि भुजबल को इस उम्र में भी झूठ बोलना पड़ रहा है। बावनकुले ने कहा कि मैंने भुजबल से मिलकर ओबीसी आरक्षण कायम रखने के लिए फडणवीस सरकार के अध्यादेश को दोबारा जारी करने की मांग की थी। मुझे भुजबल से इस उम्र में झूठ बोलने की अपेक्षा नहीं थी।
ओबीसी आरक्षण के लिए पक्ष-विपक्ष का आंदोलन
कांग्रेस ने मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार
स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द होने के बाद शनिवार को भाजपा व कांग्रेस की तरफ से राज्यभर में प्रदर्शन किया गया। भाजपा नेताओं ने जहां सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त होने के लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को जिम्मेदारी बताया वहीं कांग्रेस ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस दौरान जगह-जगह भाजपा के कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दी। कोरोना संकट के बावजूद भाजपा ने शक्ति प्रदर्शन में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण खत्म किए जाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।मुंबई में कांग्रेस के आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे ने कहा कि भाजपा का आंदोलन ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाला है। केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट को आकड़े नही दिए गए। जिसकी वजह से सर्वोच्च अदालत में ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण समाप्त हो गया। नांदेड में पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हा, पुणे में पूर्व मंत्री रमेश बागवे, सांगली में शहराध्यक्ष पृथ्वीराज पाटील ने आंदोलन का नेतृत्व किया।