क्या ममता को CM की कुर्सी से हटाने के लिए बीजेपी ने खेला तीरथ सिंह के इस्तीफे का दांव ?
क्या ममता को CM की कुर्सी से हटाने के लिए बीजेपी ने खेला तीरथ सिंह के इस्तीफे का दांव ?
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना अब ममता बनर्जी के लिए सिरदर्द बन गया है। बीजेपी ने संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए तीरथ सिंह के इस्तीफे का ऐसा दांव खेला है कि अब ममता दीदी की कुर्सी फंसती नजर आ रही है। 213 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस की शीर्ष ममता बनर्जी अपनी सीट नहीं बचा सकीं और नंदीग्राम में भाजपा के उम्मीदवार शुवेंदु अधिकारी से मामूली वोटों से हार गई।
लेकिन, विधान सभा चुनाव परिणामों में यह मामूली भी मायने रखता है क्योंकि दस्तावेज़ यही कहते हैं कि ममता बनर्जी अपनी सीट हार गयीं और विधान सभा में अपनी जगह न बना पाने वाला प्रत्याशी अगर मंत्री बन जाए तो अनुच्छेद 164(4) के अनुसार उसे छः महीने के भीतर विधानमंडल का सदस्य बनना होता है। यदि इस अवधि की समाप्ति तक वह विधानसभा व विधान परिषद का सदस्य नहीं हो पाता तो बतौर मंत्री उसका कार्यकाल समाप्त हो जाता है। अब चूंकि कोविड जैसी महामारी का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव न कराने का फैसला लिया है और सभी चुनाव स्थगित किये हैं, चुनाव कबतक हो सकेंगे इसपर टिप्पणी नहीं की जा सकती।
4 मई को मुख्य मंत्री पद की शपथ लेने वाली ममता दीदी के पास 4 नवंबर तक का वक़्त है, भवानीपुर की सीट उनकी प्रतीक्षा कर रही है। इसके अलावा भी बंगाल में शमशेरगंज व जंगीपुर की दो सीटें खाली पड़ी हैं। लेकिन उन्हें एक सीट तभी मिलेगी जब चुनाव हों और चुनाव न हुए तो उनके पास भी एकमात्र विकल्प यही होगा कि मुख्य मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दें।
तृणमूल की कर्णधार को क्या यह गवारा होगा कि सत्ता किसी और को सौंपकर कुर्सी छोड़ दें? पार्टी में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो उनके इशारे पर काम करते रहें, कठपुतली बनकर कुर्सी संभालें। लेकिन केंद्र के हर दाँव पर उसे नाकों चने चबवाने वाली ममता के तेवर इस शिकस्त को कितना क़ुबूल कर सकेंगे?