अब वाशिम का नाम भी वत्सगुल्म करने की उठी मांग
सीएम को भेजा पत्र अब वाशिम का नाम भी वत्सगुल्म करने की उठी मांग
डिजिटल डेस्क, वाशिम। राज्य शासन द्वारा हालही में औरंबागाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर तथा उस्मानाबाद का नाम धाराशिव किए जाने के बाद अब वाशिम का नाम भी बदलने की मांग की जा रही है। इस हेतु वत्सगुल्म नामांतर जनजागरण मंच वत्सगुल्म वाशिम की ओरसे वाशिम का नाम वत्सगुल्म किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। प्राचीन काल से ही वाशिम शहर का नाम वत्सगुल्म था और ऐसा उल्लेख भी पद्मपुराण में पाया जाता है। इस कारण वाशिम शहर का नाम वत्सगुल्म हो, यह मांग स्वतंत्रता से पूर्व की की जा रही है। इस मांग की शुरुआत वर्ष 1902 में वाशिम जिला अस्तित्व में रहते हुई। इसबीच वर्ष 1918 में लोकमान्य तिलक के वाशिम आगमन पर भी इस सम्बंध में चर्चा होने सर्वश्रुत है। वर्ष 1936 में स्वतंत्रतावीर सावरकर वाशिम आए, तब भी इस सम्बंध में सभा में उल्लेख हुआ।
पद्मतीर्थ सरोवर का केस प्रिवी काउन्सिल लंदन में लड़ते समय भी वत्सगुल्म यह नाम बार-बार इस्तेमाल किया गया। साधारणत: वर्ष 1999-2000 के दौरान इस मांग ने ज़ोर पकड़ा था। इस कारण वाशिम का नाम वत्सगुल्म हो, यह मांग काफी पुरानी है। अनेक वर्ष वाशिम शहर में वत्सगुल्म (वाशिम) ऐसे दोहरे नाम का उपयोग करने के फलक झलकते थे। विद्यमान शासन ने हालही मंे औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर तथा उस्मानाबाद का नाम धाराशिव किया है। इस कारण वाशिमवासियों की आशाएं भी पल्लवित हुई है। शासन की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए 2 मार्च को वत्सगुल्म नामांतर जनजागरण मंच वत्सगुल्म वाशिम की ओरसे वाशिमवासियों द्वारा जिलाधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन सौंपते समय प्रा. दिलीप जोशी, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम राजगुरु, व्यापारी मंडल के जुगलकिशोर कोठारी, शिवसेना शहर प्रमुख श्याम दुरतकर, वसंतराव धाडवे, मधुसुदन काकानी, बंटी सेठी, यश काष्टे, राजू कलवार, रामभाऊ ठेंगडे फौजी, मनोज जैस्वाल, छाया पवार, वृषाली टेकाले, प्रांजल काकानी, शिवाणी गोगे, अजय ढवले, पंकज गाडेकर, सुनील देशमुख, आतिशसिंह कश्यप, जयपाल साबले समेत वाशिमवासी बड़ी तादाद में उपस्थित रहे।