तीसरी लहर से लड़ने अब घर- घर जाकर सेवा देने की तैयारी
घूमेगी मोबाइल टीम तीसरी लहर से लड़ने अब घर- घर जाकर सेवा देने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगरपालिका अब घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन के प्रति फैल रही भ्रांतियों को दूर करने सहित कोरोना से बचने के उपाय बताएगी। शहर में मौजूद विभिन्न समूहों के सहयोग से स्वास्थ्य सेवक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यह एक महत्वाकांक्षी समुदाय-आधारित स्वास्थ्य सेवा (सीबीएचसी) कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए टीकाकरण सहायता और कोरोना से जुड़ी अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है।
टीकाकरण को लेकर आज भी लोगों में भ्रम की स्थिति
तीसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने स्वास्थ्य सेवक कार्यक्रम, जो स्वास्थ्य सेवकों (सामुदायिक स्वास्थ्य समन्वयकों) के नेटवर्क के निर्माण के माध्यम से झुग्गी-झोपड़ियों में हर घर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। शहर में चिकित्सा से जुड़ी जागरूकता की कमी के अलावा, समाज के कमजोर समुदाय के लोगों के पास टीकाकरण के बारे में गलत सूचना के मामले भी देखे गए हैं, जिससे वे वैक्सीन लेने से हिचकिचा रहे हैं। इसके लिए डोर-टू-डोर स्वास्थ्य सेवा मॉडल समय की आवश्यकता बताई गई है। स्वास्थ्य सेवक कार्यक्रम अनिवार्य रूप से यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा कि झुग्गीवासियों को प्रशासन द्वारा दी जा रही मुफ्त परीक्षण, मुफ्त टीके आदि की मौजूदा सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो।
प्रोटोकॉल का पालन भी होगा
मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने कहा कि तीसरी लहर से लड़ने में वैक्सीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। विशेष रूप से झुग्गियों में इसको लेकर लोगों में झिझक है। दुर्भाग्य से, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बीच, जन जागरूकता अभियानों का सीमित प्रभाव है। इसलिए स्वास्थ्य सेवक मॉडल के माध्यम से घर-घर जाकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी। स्वास्थ्य सेवक कोरोना के लक्षणों, टेस्टिंग के महत्व, किसी के कोरोना संक्रमित होने पर सही प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ-साथ परामर्श के बारे में जागरूकता प्रदान करेंगे। झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों को टीकाकरण में सहायता प्रदान करेंगे।
कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागपुर में झुग्गियों में रह रहे प्रत्येक परिवार की सहायता के लिए 1 स्वास्थ्य सेवक हो। यह महामारी की तीसरी लहर के लिए कमर कसने और लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की दिशा में एक कदम है।