अब ग्रामसभा स्वयं टीपी की छपाई कर करेगी तेंदूपत्ते का अंतरराज्यीय परिवहन
सर्वाधिकार अब ग्रामसभा स्वयं टीपी की छपाई कर करेगी तेंदूपत्ते का अंतरराज्यीय परिवहन
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। पेसा कानून के तहत जिले की ग्रामसभाओं को वनाेपज संकलन के सर्वाधिकार प्रदान किए गए हैं। इन्हीं अधिकारों का उपयोग करते हुए अब जिले की कुल 40 ग्रामसभाओं ने एकजुटता दिखाते हुए तेंदूपत्ते का अंतरराज्यीय यातायात करने का निर्णय लिया है। इसके लिए ग्रामसभाएं अपने स्तर पर यातायात की टीपी तैयार करेगी। इस आशय की जानकारी सोमवार को एक पत्र परिषद में मोहगांव की संयुक्त गांव गणराज्य ग्रामसभा परिषद के पदाधिकारियों ने दी।
ग्रामसभा प्रतिनिधियों ने पत्रकारों को बताया कि, इस वर्ष कुल 40 ग्रामसभाओं ने बिना किसी ठेकेदार की मदद से अपने स्तर पर तेंदूपत्ते का संकलन किया है। तेंदूपत्ते का किसी भी स्थान पर यातायात करने के लिए इसके पूर्व वनविभाग द्वारा टीपी जारी की जाती थी। लेकिन 17 दिसंबर 2015 के सरकारी निर्णय के तहत ग्रामसभाओं को तेंदूपत्ते की यातायात के सर्वाधिकार प्रदान किये गये है। साथ ही यातायात के लिए आवश्यक टीपी की छपाई सरकारी मुद्रणालय से करने की कोई शर्त निर्णय में समाविष्ट नहीं की गयी है।
यातायात की टीपी किसी भी निजी मुद्रणालय से तैयार की जा सकती है। वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (ग) के प्रावधान के अनुसार गांव की सीमा और सीमा से बाहर क्षेत्र में गौण वनोपज संकलन और उसकी यातायात के सामूहिक हक ग्रामसभाओं काे प्रदान किये गये हैं। वनहक कानून के अनुछेद 13 के अनुसार ग्रामसभा अपना वनोपज किसी भी स्थान पर पहुंचाकर उसकी बिक्री कर सकते हंै। इन्हीं अधिकारों का उपयोग करते हुए ग्रामसभाएं अब स्वयं टीपी की छपाई कर तंेदूपत्ते की अंतरराज्यीय यातायात करेंगे। धानोरा तहसील की मारदा संयुक्त ग्रामसभा, एटापल्ली तहसील के घोटसुर की संयुक्त ग्रामसभा, वाघेझरी की संयुक्त ग्रामसभा और मोहगांव की संयुक्त गांव गणराज्य परिषद अंतर्गत कुल 40 ग्रामसभाओं ने इस आशय का निर्णय लिया है।