कोई भी प्राध्यापक इग्नू परीक्षा का केन्द्र प्रभारी बनने को तैयार नहीं
पीजी कॉलेज में नकल काण्ड का खौफ कोई भी प्राध्यापक इग्नू परीक्षा का केन्द्र प्रभारी बनने को तैयार नहीं
विशेष संवाददाता, सिवनी। साल का आखिरी माह जिले के इकलौते शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीजी कॉलेज) के लिए ठीक नहीं रहा। कॉलेज में 13 दिसंबर को इग्नू की कम्युनिटी हेल्थ विषय की परीक्षा देते मुन्ना भाई के पकड़ाए जाने के बाद हुए खुलासों ने सभी प्राध्यापकों में खौफ भर दिया है। गिरफ्तार मुन्ना भाई से पुलिस की पूछताछ में पहले सामने आया कि कम्प्यूटर सहायक अरूण मेश्राम परीक्षार्थियों से प्रति पेपर 5-5 हजार रुपए वसूल कर नकल कराने का गोरखधंधा चला रहा था।
इससे कॉलेज की छवि धूमिल होने के चलते जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अजय बाबा पाण्डे व प्राचार्य डॉ. संध्या श्रीवास्तव ने निर्णय लेते हुए इग्नू के जबलपुर स्थित रीजनल सेंटर को पत्र भेज दिया कि पीजी कॉलेज को आगे से इग्नू का परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया जाए।
वहीं कॉलेज के प्राध्यापक एमसी सनोडिया जो कि इग्नू के परीक्षा केन्द्र प्रभारी का जिम्मा संभाल रहे थे, को हटा दिया गया। उनके स्थान पर वर्तमान में संचालित इग्नू की परीक्षाओं के समापन तक कॉलेज अंतर्गत संचालित लॉ कॉलेज के सहायक प्राध्यापक सुरेन्द्र सिंह अलावा को जिम्मा सौंपने का फैसला हुआ, लेकिन अलावा ने इंकार कर दिया।
सबने किया इंकार
जानकारी के अनुसार आगामी 9 जनवरी तक चलने वाली इग्नू की परीक्षाओं के संचालन के लिए प्राचार्य डॉ. संध्या श्रीवास्तव ने सभी प्राध्यापकों से सहमति अथवा असहमति लिखित में मांगी थी। पीजी कॉलेज में लगभग 30 प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक व सह प्राध्यापक पदस्थ हैं। इनके अलावा एक ग्रंथपाल हैं। वहीं लॉ कॉलेज में 4 सहायक प्राध्यापक व एक क्रीड़ा अधिकारी पदस्थ हैं। जानकारी के अनुसार इग्नू परीक्षा का जिम्मा लेने से हरेक ने अपनी असहमति व्यक्त कर दी। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव स्वयं मोर्चा संभाले हुए हैं।
इसलिए बच रहे सब
कम्प्यूटर सहायक मेश्राम की गिरफ्तारी व पुलिस जांच में एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि सिवनी में चल रही परीक्षा के पेपर खरगौन में बैठा काशीराम कोचले नामक युवक सॉल्व करता था और वाट्सएप पर ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर क्रमांक भेजता था जो कि नकल की एवज में पैसे देने वाले परीक्षार्थियों तक पहुंचाए जाते थे। इस मामले में पुलिस द्वारा कोचले से जब्त किए गए 1 लाख 13 हजार रुपए व मेश्राम से जब्त किए गए लगभग 20 लाख रुपए का आंकड़ा जानकर कॉलेज का कोई भी प्राध्यापक जिम्मा संभालने को तैयार नहीं है।
वहीं अभी पुलिस जांच जारी है, इसलिए भी कोई उलझना नहीं चाहता है। लगभग चार साल से इग्नू परीक्षा के केन्द्र प्रभारी का जिम्मा संभाल रहे एमसी सनोडिया द्वारा अब तक परीक्षा ड्यूटी में कॉलेज के प्राध्यापकों को तवज्जो नहीं दी जाती थी। सूत्रों की मानें तो उनके द्वारा बाबूओं व बाहरी लोगों से परीक्षा ड्यूटी कराई गई। इसका परिणाम यह हुआ कि मुन्ना भाई तक परीक्षा देने पहुंचने लगे और परीक्षा काण्ड सामने आया। कोतवाली टीआई महादेव नागोतिया से संपर्क किए जाने पर उनका कहना था कि मामले की जांच-पड़ताल जारी है।