दिल्ली में नाइट कर्फ्यू से प्रवासी मजदूरों के पलायन की आशंका, उद्योग-धंधों पर होगा असर
दिल्ली में नाइट कर्फ्यू से प्रवासी मजदूरों के पलायन की आशंका, उद्योग-धंधों पर होगा असर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के गहराते कहर की रोकथाम के मद्देनजर देश की राजधानी दिल्ली में नाइट कर्फ्यू की घोषणा के बाद प्रवासी मजूदरों का पलायन बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रवासी मजदूरों के घर वापस लौटने से दिल्ली-एनसीआर में उद्योग-धंधों के कामकाज पर असर पड़ सकता है।
दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर मंगलवार को तत्काल प्रभाव से रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा की 30 अप्रैल तक लागू रहेगा।
कारोबारियों ने बताया कि देश में कोरोनावायरस संक्रमण के केस बढ़ने और आगे शादी का सीजन शुरू होने के कारण मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला बीते दो सप्ताह से जारी है और नाइट कर्फ्यू लगने के बाद मजदूरों का पलायन बढ़ने का अंदेशा है।
ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह बहाल नहीं होने के कारण आवागमन की कठिनाइयों के बावजूद प्रवासी मजदूर होली के पहले से ही बस या अन्य निजी वाहनों से लगातार अपने घरों को लौट रहे हैं।
दिल्ली के मायापुरी इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी नीरज सहगल ने बताया कि बीते दो हफ्ते में एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले करीब 10 फीसदी प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट चुके हैं और आज नाइट कर्फ्यू का ऐलान होने के बाद उनमें डर का माहौल है।
कारोबारी बताते हैं कि कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित उद्योग-धंधों के दोबारा पटरी पर लौटने के बाद अब नए प्रतिबंधों के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी, जिससे कारोबार पर दोबारा असर पड़ेगा।
ओखला चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन अरुण पोपली ने बताया कि मजदूरों में दोबारा दहशत का माहौल है और वे बहाना बनाकर घर लौटने लगे हैं। उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू लगने से दिल्ली में उद्योग-धंधा चौपट हो जाएगा, क्योंकि उद्योग में काफी काम रात में भी होता है, इसलिए मजदूर घर वापस लौटना चाहते हैं। अरुण पोपली ने बताया कि गार्मेट इंडस्ट्री का कारोबार बमुश्किल से पटरी पर लौटा था, लेकिन मजदूरों के अभाव में उनका कामकाज फिर प्रभावित होगा।