एसएनसीयू में बंद हो गई थी नवजात की सांस, ओपीडी में बताया चल रही हार्टबीट
कटनी एसएनसीयू में बंद हो गई थी नवजात की सांस, ओपीडी में बताया चल रही हार्टबीट
डिजिटल डेस्क कटनी। जिला अस्पताल में शुक्रवार को नवजात की सांस में एसएनसीयू और ओपीडी के डॉक्टर ही कन्फ्यूज हो गए। जिससे चलते विजयराघवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत हरईया निवासी विष्णु चौधरी परिजन आपाधापी में यहां से बगैर डिस्चार्ज कराए ही शहर के निजी अस्पताल में दौडक़र ले जाना पड़ा, लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी। अंतत: मासूम की किलकारी शांत हो गई और परिजनों को जिला मुख्यालय से निराश होकर लौटना पड़ा। इस संबंध में परिजनों का कहना है कि सही समय पर इलाज नहीं मिलने से इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है। वहीं सीएस ने कहा कि बच्चे को जन्मजात विकृति थी। एसएनसीयू में सांस बंद होने और हार्ट बीट चालू रहने की बात बताई गई थी। डॉक्टरों के साथ अस्पताल
प्रबंधन की पूरी कोशिश होती है कि सभी को बेहतर इलाज मिले। परिजनों का आरोप निराधार है। एसएनसीयू में बताया कि नहीं चल रही सांस विष्णु चौधरी का कहना रहा कि एसएनसीयू वार्ड में एक मैडम के द्वारा उसे यह बताया गया कि बच्चे की सांस नहीं चल रही है वे उसे ले जा सकते हैं। पिता का कहना था कि बच्चा जब गोद में आया तब पता चला कि उसकी सांसें चल रही है। जिसके बाद वे ओपीडी में ही डॉक्टर को दिखाये तो ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि बच्चा अभी जीवित है। इसके बाद परिजन किसी निजी अस्पताल में लेकर गए।
यह रहा पूरा मामला
हर्रैया निवासी विष्णु चौधरी की पत्नी सोनू ने करीब 27 दिन पहले एक नवजात को जन्म दिया। तबियत क्रिटिकल होने पर नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू में ही भर्ती कराया गया था। यहां पर जब नवजात बच्चे का स्वास्थ्य कुछ ठीक हुआ तो परिजन गुरूवार को घर ले गए।घर पहुंचने पर फिर से बच्चे की तबियत खराब हुई। दोबारा वे फिर से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया।
इनका कहना है बच्चे में जन्जात विकृति रही। अस्पताल प्रबंधन ने बेहतर इलाज किया। एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी स्टाफ ने हॉर्टबीट चलने की जानकारी दी थी। अब परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं। परिजन यहां से लेकर किसी निजी अस्पताल में चले गए। आगे की जानकारी नहीं है।
- डॉ. यशवंत वर्मा, सीएस जिला अस्पताल