RTE : स्कूल से 800 मीटर की दूरी पर है घर, 10 कि.मी बताकर दे दिया एडमिशन
RTE : स्कूल से 800 मीटर की दूरी पर है घर, 10 कि.मी बताकर दे दिया एडमिशन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में हर दिन नई-नई खामियां सामने आ रही हैं। बालक के घर से स्कूल का अंतर मात्र 800 मीटर है। एनआईसी के सिस्टम में खामियों के चलते यही अंतर 10 किलोमीटर बताया गया। स्कूल द्वारा अंतर प्रमाणित करने पर पात्र ठहराकर उसे प्रवेश दिया गया।
और फिर हुआ एडमिशन
आरोही अजय गजभिये को आरटीई प्रवेश प्रक्रिया अंतर्गत गायत्री विद्या मंदिर कान्वेंट आवंटित किया गया। एनआईसी के सिस्टम में उसके घर से स्कूल का अंतर 10 किलोमीटर बताए जाने से अपात्र ठहराया गया। उसके पालक ने समाधान केंद्र में शिकायत कर उनका घर एक किलोमीटर से कम अंतर पर होने का दावा किया। उनकी शिकायत पर संबंधित स्कूल को पत्र देकर पालक के दावे की पड़ताल करने के आदेश दिए। स्कूल की पड़ताल में घर से स्कूल का अंतर मात्र 800 मीटर होने की पुष्टि की गई। स्कूल की ओर से प्रमाणित करने पर उसे पात्र ठहराकर प्रवेश दिया गया। एनआईसी की तकनीकी खराबी के चलते पहले चरण में जो बालक प्रवेश से वंचित रह गए, उन्हें दूसरे चरण में शामिल करने की मांग आरटीई एक्शन कमेटी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग और राज्य के शिक्षण सचिव को पत्र भेजकर की है।
बाल अधिकार का प्रयोग कर दिलाया एडमिशन
आरटीई अंतर्गत प्रवेश के लिए आरक्षित सीट पर पिता का जाति प्रमाणपत्र तथा खुले वर्ग के लिए आय प्रमाणपत्र आवश्यक है। परंतु जिनके पारिवारिक विवाद चल रहे हैं, उन्हें पिता के प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से बालकाें पर प्रवेश से वंचित रहने की नौबत है। ऐसा ही एक मामला समाधान केंद्र के पास पहुंचा। पिछले 6 वर्ष से उसके माता-पिता के बीच पारिवारिक विवाद न्यायालय में चल रहा है। आरटीई एक्शन कमेटी के समाधान केंद्र में रिसोर्स पर्सन आरती प्रधान ने प्रकरण समझ लिया और बाल अधिकार अधिनियम 2005 तथा एससी, एसटी अधिकार कानून के तहत सिंगल मदर का मामला वेरिफिकेशन कमेटी के सामने रख प्रवेश देने का आग्रह किया। वेरिफिकेशन कमेटी ने उसे पात्र ठहराकर उपशिक्षणाधिकारी विजय कोकोड़े और आरटीई एक्शन कमेटी के शाहिद शरीफ के हस्ताक्षर से प्रवेश पत्र जारी िकया गया।